सुप्रीम कोर्ट ने आयुष्मान भारत योजना को पूरे देश में लागू करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है। यह याचिका भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अश्वनी उपाध्याय द्वारा दाखिल की गई थी। याचिका में यह मांग की गई है कि आयुष्मान भारत योजना, जो पहले से कई राज्यों में लागू की गई है, को पूरे देश में लागू किया जाए ताकि सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का समान लाभ मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट की सहायता करने को कहा है और तीन हफ्ते बाद इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की गई है। आयुष्मान भारत योजना, जो 2018 में लॉन्च की गई थी, का उद्देश्य देश के गरीब और कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, खासकर उन लोगों को जो महंगे इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते। योजना के तहत लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने पर चिकित्सा उपचार के लिए वित्तीय सहायता मिलती है।
हालांकि, यह योजना पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है, क्योंकि दिल्ली, पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्य इसे लागू करने में पीछे हैं। इस योजना का हाल ही में विस्तार किया गया है, और अब यह 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए भी उपलब्ध है।
अश्वनी उपाध्याय का कहना है कि इस योजना का लाभ देश के सभी नागरिकों तक पहुंचना चाहिए, ताकि किसी को भी उचित स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहना पड़े, खासकर ऐसे समय में जब स्वास्थ्य संकट जैसे महामारी और गंभीर बीमारियों के दौरान गरीब वर्ग को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से यह साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार को आयुष्मान भारत योजना के समान और समग्र क्रियान्वयन के लिए दबाव का सामना करना पड़ सकता है, ताकि यह योजना हर राज्य में लागू हो और नागरिकों तक इसका लाभ पहुंचे।
बुजुर्गों के लिए फ्री हेल्थ कवर
पीएम मोदी ने पिछले दिनों ही 70 साल और इससे ज्यादा आयु के सभी बुजुर्गों के लिए फ्री हेल्थ कवर का शुभारंभ किया. उन्होंने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि 70 साल और उससे ज्यादा आयु के वरिष्ठ नागरिक आयुष्मान वय वंदना कार्ड के साथ मुफ्त अस्पताल उपचार का लाभ उठा सकते हैं. 70 साल या उससे ज्यादा आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज देने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के विस्तार को पहली बार सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी. यह मौजूदा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना परिवार योजना के अतिरिक्त है, जिसमें बुजुर्गों को सालाना 5 लाख रुपये का अलग से कवर मिलेगा.
आयुष्मान वय वंदना कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाने के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि 70 साल से ऊपर के हर बुजुर्ग को आयुष्मान वय वंदना कार्ड के माध्यम से अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा। यह योजना 2050 तक भारत की बुजुर्ग आबादी के बढ़ने के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि आने वाले वर्षों में वृद्धावस्था देखभाल की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
भारत की बुजुर्ग आबादी के 2050 तक दोगुनी होने का अनुमान है, और तब तक हर पांच में से एक व्यक्ति बुजुर्ग होगा। ऐसे में इस कदम से वृद्ध नागरिकों के स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान वय वंदना कार्ड पूरी तरह से यूनिवर्सल है और इसमें आय की कोई सीमा नहीं है। इसका मतलब है कि चाहे व्यक्ति गरीब हो, मध्यम वर्ग से हो या उच्च वर्ग से हो, सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना के तहत स्वास्थ्य कवरेज मिलेगा।
इस योजना का विस्तार 3,437 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जो भारतीय सरकार के लिए बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस कदम का उद्देश्य बुजुर्गों को आर्थिक और शारीरिक कठिनाइयों से राहत देना है, साथ ही उनके स्वास्थ्य देखभाल खर्चों को भी सरकार की ओर से कवर करना है, ताकि वे किसी भी चिकित्सा सेवा के लिए चिंतित न हों।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा तक सुलभ पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों का जिक्र किया और बुजुर्गों के लिए सरकारी योजनाओं की एक नई दिशा की घोषणा की। यह पहल देश की वृद्ध जनसंख्या के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत एक चुनौती बन रही है।