उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास लोकपर्व के अवसर पर सांसद अनिल बलूनी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेकर राज्य की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। इगास, जिसे ‘बूढ़ी दीपावली’ भी कहा जाता है, उत्तराखंड में दीपावली के 11 दिन बाद मनाई जाती है और इसका सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तराखंड की पारंपरिक मान्यताओं और लोक रीति-रिवाजों को जीवंत बनाए रखने का प्रतीक है।
इगास पर्व का उद्देश्य न केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों का सम्मान करना है बल्कि नई पीढ़ी को राज्य की सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना भी है। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएँ दीं और लोगों से आग्रह किया कि वे इस पर्व के माध्यम से अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने में योगदान दें।
देवभूमि उत्तराखण्ड के पावन लोक पर्व इगास के अवसर पर पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र से माननीय लोकसभा सांसद श्री @anil_baluni जी के नई दिल्ली स्थित आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
लोकपर्व हमारी समृद्ध लोकसंस्कृति और विरासत की पहचान हैं, इसके संवर्धन और संरक्षण की… pic.twitter.com/3nh1C6JRXJ
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 11, 2024
उत्तराखंड के लिए क्यों खास इगास पर्व
इगास पर्व उत्तराखंड के लिए विशेष सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। इसे “बूढ़ी दीपावली” के रूप में जाना जाता है और विशेष रूप से कुमाऊं क्षेत्र में दीपावली के 11 दिन बाद मनाया जाता है। एक पुरानी मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया और इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया। कहा जाता है कि कुमाऊं क्षेत्र के लोगों को भगवान राम के लौटने की खबर 11 दिन बाद मिली थी, इसलिए उन्होंने इसे देरी से, अपने विशेष रीति-रिवाजों के साथ मनाना शुरू किया।
सांसद अनिल बलूनी ने 2018 में इगास पर्व को गाँवों में मनाने की मुहिम शुरू की थी। इसका उद्देश्य गाँवों में लौटने और स्थानीय परंपराओं को पुनर्जीवित करने का आह्वान करना था। बलूनी की इस पहल का असर हुआ है, और इगास अब राज्यभर में धूमधाम से मनाया जाने लगा है। यह पर्व न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करता है बल्कि स्थानीय समुदायों को अपनी परंपराओं से जोड़कर उन्हें एकता और आत्म-सम्मान का अनुभव भी कराता है।
पीएम मोदी ने भी मनाया इगास पर्व
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व इगास मनाया और राज्य के लोगों को इसकी बधाई दी. पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सांसद अनिल बलूनी के आवास पर इस त्योहार में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और कुछ अन्य धार्मिक व आध्यात्मिक हस्तियों ने भी हिस्सा लिया.
उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों सहित सभी देशवासियों को इगास पर्व की बहुत-बहुत बधाई! दिल्ली में आज मुझे भी उत्तराखंड से लोकसभा सांसद अनिल बलूनी जी के यहां इस त्योहार में शामिल होने का सौभाग्य मिला। मेरी कामना है कि यह पर्व हर किसी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए।@anil_baluni pic.twitter.com/KERvqmB6eA
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2024