उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी जुटे हैं। यह सभी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। PCS और RO/ARO अभ्यर्थी यहाँ अपनी कुछ माँगे लेकर आए हैं। अभ्यर्थियों की भीड़ ने सोमवार (11 नवम्बर, 2024) को पुलिस द्वारा लगाई गई बैरीकेडिंग भी तोड़ दी। इनको समझाने के लिए पुलिस प्रशासन की टीम भी पहुँची लेकिन कोई बात नहीं बन सकी। अभ्यर्थी सरलीकरण और सिंगल डे शिफ्ट की माँग को लेकर अड़े हुए हैं और कह रहे हैं कि यह पूरी होने पर ही यहाँ से हटेंगे।
क्यों हो रहा प्रदर्शन, कब से जुटे अभ्यर्थी?
प्रयागराज के UPPSC मुख्यालय के बाहर जुटे अभ्यर्थी PCS और RO/ARO भर्ती परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह अभ्यर्थी सोमवार (11 नवम्बर, 2024) से जुटे हुए हैं। प्रयागराज में बड़ी संख्या में बाहर से आए अभ्यर्थी भी हैं। इनमें कुछ 500+ किलोमीटर से आए हैं। प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 10 हजार से अधिक बताई जा रही है। अभ्यर्थियों का जुटान सोशल मीडिया के माध्यम से भी हुआ है। यहाँ पुलिस-प्रशासन को नियंत्रण करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Aspirants in Prayagraj continue their protest outside the Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC) office. They are demanding that the PCS and RO/ARO exams be conducted in one day and one shift.
Rapid Action Force (RAF) and police personnel present… pic.twitter.com/uzaXh74C9D
— ANI (@ANI) November 12, 2024
अभ्यर्थियों की माँग क्या है?
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग यह है कि UPPSC द्वारा निर्धारित PCS और RO/ARO परीक्षाओं को एक ही दिन में एक पाली में आयोजित किया जाए, बजाय इसके कि उन्हें दो या तीन दिनों तक खींचा जाए। अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा का कार्यक्रम सरल और त्वरित हो, ताकि वे किसी अन्य कारण से परीक्षा में भागीदारी से वंचित न हों और एक ही दिन में सभी सवालों का सामना कर सकें।
यह मांग विशेष रूप से परीक्षा के आयोजन के दौरान होने वाली असुविधाओं और परेशानी को ध्यान में रखते हुए उठाई जा रही है। दो दिन की परीक्षा होने से, अभ्यर्थियों को समय की बर्बादी होती है और उन्हें कई बार परीक्षा केंद्रों तक जाने-आने में अतिरिक्त समय और धन खर्च करना पड़ता है।
अभ्यर्थी इस बदलाव की मांग कर रहे हैं ताकि परीक्षा की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और समान अवसर देने वाली बनाई जा सके। उनके अनुसार, इससे सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिलेंगे और उन्हें अधिक सुविधा होगी।
एक दिन में परीक्षा की माँग क्यों?
अभ्यर्थियों एक दिन में परीक्षा की माँग सरलीकरण (नॉर्मलाइजेशन) के चलते कर रहे हैं। आयोग ने इस परीक्षा में इस बार सरलीकरण का नियम लागू किया है। यह सरलीकरण का नियम इसलिए लागू किया गया है क्योंकि परीक्षा दो दिन में होनी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरलीकरण में गड़बड़ी की आशंका होती है और ऐसे मामले कोर्ट में जाते हैं, इसलिए परीक्षा एक ही दिन में करवा ली जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक दिन में परीक्षा हो गई तो सरलीकरण नहीं करना पड़ेगा। वह कह रहे हैं कि बिना सरलीकरण का नोटिस लिए बिना वह प्रयागराज से नहीं हिलेंगे।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए। पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो। प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 11, 2024
सरलीकरण से दिक्कत क्यों?
अभ्यर्थियों का कहना है कि PCS और RO/ARO में पहली बार नॉर्मलाइजेशन लागू किया है, जो कि सही नहीं है। सरलीकरण में अलग-अलग पाली होने वाली एक ही परीक्षा के कठिनाई के स्तर को देखते हुए अंक दिए जाते हैं। इसके अंतर्गत यदि किसी परीक्षा में 3 पाली हुई, जिसमें से तीसरी पाली का प्रश्नपत्र सबसे कठिन और पहली पाली का प्रश्नपत्र सरल हुआ तथा बीच की पाली का प्रश्नपत्र सामान्य रहा तो कठिन प्रश्न पत्र वाले को अंक बढ़ा कर दिए जाएँगे।
अभ्यर्थियों का तर्क है कि कुछ लोगों के लिए एक प्रश्नपत्र कठिन हो सकता जबकि दूसरे के लिए दूसरा कठिन होगा, ऐसे में सरलीकरण की प्रक्रिया सही नहीं है। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थिति में कोर्ट में भर्ती फंस जाएगी और फिर समय बर्बाद होगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह भर्ती पहले ही गड़बड़ हो चुकी है। उनका कहना है कि फरवरी, 2024 में RO/ARO परीक्षा लीक हुई थी और अब कई महीने के बाद यह होने का समय आया है, यही मामला PCS के साथ है, आगे अगर गड़बड़ी हुई तो यह एक गलत परम्परा होगी।
UPPSC ने दो दिन में परीक्षा करवाने के अपने निर्णय का समर्थन करते हुए कहा है कि इसका मुख्य कारण परीक्षा केंद्रों और अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या है। आयोग ने कहा कि:
- केंद्रों की संख्या और सुरक्षा: UPPSC निजी संस्थानों में परीक्षा आयोजित नहीं करना चाहती, क्योंकि इससे लीक का खतरा बढ़ सकता है। इस वजह से परीक्षा केवल सरकारी कॉलेजों में आयोजित की जा रही है, जहाँ सुरक्षा और निगरानी पर बेहतर नियंत्रण रखा जा सकता है।
- अभ्यर्थियों की संख्या: UPPSC के अनुसार, अभ्यर्थियों की संख्या इतनी अधिक है कि एक ही दिन में सभी का परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं है। इसलिए, परीक्षा को दो दिनों में आयोजित करना पड़ा है, ताकि सभी अभ्यर्थियों को समुचित अवसर मिले और परीक्षा का आयोजन बिना किसी व्यवधान के किया जा सके।
- सरलीकरण और कोर्ट के आदेश: आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि परीक्षा के सरलीकरण का निर्णय कोर्ट के आदेश के अनुसार लिया जाएगा। वे इस प्रक्रिया को सही तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से हो सके।
UPPSC के अनुसार, इन कारणों की वजह से परीक्षा का आयोजन दो दिनों में किया जा रहा है और इस निर्णय में अभ्यर्थियों की भलाई ही ध्यान में रखी गई है।
अब प्रशासन क्या कह रहा?
प्रयागराज में UPPSC मुख्यालय के बाहर चल रहे अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में मंगलवार (12 नवम्बर, 2024) को और ज्यादा अभ्यर्थी जुट गए हैं। प्रशासन और UPPSC के अधिकारियों की तरफ से लगातार बातचीत का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।
UPPSC अधिकारियों का बयान: UPPSC के पदाधिकारियों ने कहा है कि वे अभ्यर्थियों से वार्ता करने के लिए तैयार हैं और पांच प्रतिनिधि अभ्यर्थी भेजे जा सकते हैं। उनका यह भी कहना है कि वे अभ्यर्थियों के मुद्दों को समझने और हल करने के लिए तत्पर हैं।
अभ्यर्थियों की स्थिति: अभ्यर्थियों का कहना है कि वे अपनी मांगों के बिना प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे। उनका प्रमुख मुद्दा एक ही दिन में परीक्षा आयोजित करने और परीक्षा की प्रक्रिया को सरलीकरण से हटाने का है। वे चाहते हैं कि UPPSC इस संबंध में आधिकारिक नोटिस जारी कर दे, जिसके बाद वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन समाप्त कर देंगे।
प्रशासन की कोशिश: प्रशासन की तरफ से प्रयागराज के कमिश्नर और जिलाधिकारी (डीएम) ने मंगलवार दोपहर को अभ्यर्थियों से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। पुलिस ने भी प्रदर्शन में शामिल कुछ गैर-अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है, और वर्तमान में प्रदर्शन को हिंसक होने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस स्थिति में प्रशासन और UPPSC के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि वे दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाए रखते हुए जल्द समाधान निकाल सकें।
मामले में राजनीति भी चालू
अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति ने भी जोर पकड़ लिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ प्रदर्शन नाम दिया है। उनका कहना है कि लोगों को अब भाजपा नहीं चाहिए, यह अभ्यर्थी समझ चुके हैं।
‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हुआ माहौल!
आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर जो बात है वो है:
‘नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं’!
उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा
‘नौकरी’ नहीं जिनका एजेंडा!
नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार!!
भाजपा सरकार… pic.twitter.com/pCKcDHFbti
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 12, 2024
वह बात अलग है कि अखिलेश यादव के राज में UPPSC के चेयरमैन अनिल यादव पर गड़बड़ी के इतने आरोप लगे थे कि अभ्यर्थियों ने इसके मुख्यालय को ‘यादव सेवा आयोग’ नाम दे दिया था।
मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि अखिलेश यादव को इन सब मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए।
उन्होंने लिखा, “यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए। पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो। प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाएँ और सपा की राजनीति का शिकार न बनें। आपकी न्याय की लड़ाई में सरकार और मैं सदैव आपके साथ हूँ।”