मणिपुर के जिरिबाम जिले में मंगलवार को दो बुजुर्गों के शव बरामद हुए हैं, जो मैतेई समुदाय के थे और एक राहत शिविर में रह रहे थे। पुलिस ने इस घटना की पुष्टि की है। यह घटनाक्रम सोमवार को हुई एक मुठभेड़ के बाद सामने आया है, जिसमें संदिग्ध उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष हुआ था। इस मुठभेड़ में 10 कुकी उग्रवादी मारे गए, जिन्होंने एक पुलिस थाने पर हमला किया था। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों की मौत हुई।
इस मुठभेड़ के बाद, राहत शिविर में रह रहे छह लोग लापता हो गए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों ने इन लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू किया है, जबकि शवों की पहचान और अन्य संबंधित घटनाओं की जांच जारी है। इस तरह की घटनाओं से मणिपुर के हालात और भी तनावपूर्ण हो गए हैं, जहां पहले से ही जातीय हिंसा और संघर्ष की स्थितियां बनी हुई हैं।
जिनके शव मिले हैं वो कौन थे
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए शुरू किए गए अभियान के दौरान 63 साल के लैशराम बालेन सिंह और 71 साल के माईबाम केशो के शव जकुराधोर करोंग क्षेत्र में मलबे में पाए गए.ये दोनों लोग बोरोबेक्रा के एक राहत शिविर में रहते थे.ये दो लोग उन 10 लोगों में शामिल थे, जो सोमवार को हुई मुठभेड़ के बाद से लापता थे.सुरक्षा बलों ने दो लोगों को बरामद कर लिया था. वहीं तीन महिलाएं और तीन बच्चे अभी भी लापता हैं. ये लोग बोरोबेक्रा के पुलिस स्टेशन में बनाए गए राहत शिविर में रह रहे थे. इस शिविर में आसपास के गांवों के 118 लोगों को रखा गया था.
पुलिस ने जानकारी दी है कि जिरिबाम जिले में छह लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है, जिनकी गायब होने की सूचना मुठभेड़ के बाद मिली थी। जिरिबाम जिला प्रशासन ने क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निषेधाज्ञा (कर्फ्यू) लागू कर दी है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और हिंसा को फैलने से रोका जा सके।
इसके अलावा, मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध उग्रवादियों के विरोध में कुकी-जो पहाड़ी क्षेत्रों में मंगलवार सुबह 5 बजे से ‘बंद’ का आयोजन किया गया है। इस ‘बंद’ का आयोजन स्थानीय समुदाय द्वारा किया गया है, जो मारे गए उग्रवादियों के पक्ष में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध स्थानीय इलाके में तनाव को और बढ़ा सकता है, जिससे पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए स्थिति को संभालना और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
मुठभेड़ के विरोध में बंद का आयोजन
कुकी-जो काउंसिल ने मंगलवार सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बंद का आह्वान किया था, यह मुठभेड़ में मारे गए लोगों के प्रति सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त करने के लिए था। यह बंद उन 10 संदिग्ध उग्रवादियों के लिए था, जो सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।
यह मुठभेड़ उस समय हुई जब उग्रवादियों ने जिरिबाम जिले में एक पुलिस थाने और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद, इलाके में तनाव बढ़ गया और कुकी-जो काउंसिल ने विरोध स्वरूप बंद का आह्वान किया।
जिरिबाम में कैसे हैं हालात
एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि बोरोबेक्रा में भारी गोलीबारी के दौरान सीआरपीएफ के दो जवान भी घायल हो गए और उनमें से एक की हालत गंभीर है. उन्होंने बताया कि मंगलवार सुबह जिरिबाम में स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण रही. पुलिसकर्मियों ने संवेदनशील स्थानों पर गश्त की.
राज्य पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ की घटना के बाद इंफाल घाटी में कई जगहों से हिंसा की खबरें आईं. इन इलाकों में दोनों पक्षों के सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी हुई.एक अन्य अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों ने मंगलवार सुबह इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में कई मोर्टार गोले बरामद किए.एक अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों को खदेड़ने के लिए अभियान जारी किया गया है.असम राइफल्स और सीआरपीएफ की अतिरिक्त टीमों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है.