आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत आज बीजेपी में शामिल हो गए. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. कल यानी रविवार को उन्होंने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था. पहले उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद फिर उन्होंने पार्टी छोड़ी थी. गहलोत केजरीवाल और आतिशी दोनों ही सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे.
अपने इस्तीफे में कैलाश कहलोत ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोला. कैलाश गहलोत ने कल जब AAP से इस्तीफा दिया, दिल्ली की सियासत में खलबली मच गई. गहलोत एक समय में केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बेहद खास थे. वह केजरीवाल और आतिशी दोनों की ही कैबिनेट में मंत्री रहे. मगर उन्होंने अपने इस्तीफे में केजरीवाल सरकार पर कई बड़े व गंभीर आरोप लगाए.
#WATCH | Delhi: Former Delhi Minister and AAP leader Kailash Gahlot joins BJP, in the presence of Union Minister Manohar Lal Khattar and other BJP leaders. pic.twitter.com/l2Ol8Umxe1
— ANI (@ANI) November 18, 2024
शीशमहल और यमुना जैसे मुद्दों का किया जिक्र
कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़ते समय अपने इस्तीफे में पार्टी की नीतियों और प्रदर्शन पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने शीशमहल और यमुना की सफाई जैसे मुद्दों का उल्लेख करते हुए पार्टी की कार्यशैली और प्राथमिकताओं की कड़ी आलोचना की।
गहलोत के बयान के मुख्य बिंदु:
- शीशमहल का जिक्र:
- गहलोत ने पार्टी के कथित “शीशमहल” विवाद को शर्मनाक बताया।
- उन्होंने कहा कि जनता को बेहतर सुविधाएं देने की बजाय AAP नेतृत्व ने विलासिता पर ध्यान केंद्रित किया।
- यमुना की स्थिति:
- गहलोत ने स्वीकार किया कि AAP सरकार के कार्यकाल में यमुना की स्थिति और बिगड़ गई।
- यह बात पार्टी के पर्यावरण और स्वच्छता पर दिए गए वादों के विपरीत है।
- बुनियादी सुविधाओं की विफलता:
- उन्होंने कहा कि पार्टी दिल्ली को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में नाकाम रही।
- जनता के रोजमर्रा के मुद्दों को हल करने के बजाय राजनीतिक संघर्षों पर ध्यान दिया गया।
- केंद्र से टकराव:
- गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ लगातार टकराव ने दिल्ली के विकास को बाधित किया।
- उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी जनता के अधिकारों की लड़ाई से अधिक अपनी राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने में व्यस्त रही।
गहलोत के आरोपों का महत्व:
- AAP की विश्वसनीयता पर सवाल:
गहलोत के इन आरोपों से पार्टी की छवि को धक्का लग सकता है, खासकर जब यह पार्टी पारदर्शिता और सुशासन का दावा करती है। - विपक्ष को मौका:
भाजपा और अन्य विपक्षी दल इन बयानों को AAP के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिल्ली की राजनीति पर असर:
- AAP की जवाबदेही:
- गहलोत के आरोपों के बाद AAP नेतृत्व पर दबाव बढ़ेगा कि वह इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण दे।
- खासकर शीशमहल और यमुना की सफाई जैसे वादों को पूरा न कर पाने पर जनता से जवाब देना होगा।
- भाजपा को बढ़त:
- गहलोत के भाजपा में शामिल होने से भाजपा को AAP पर और तीखे हमले करने का मौका मिलेगा।
- यह दिल्ली में भाजपा के जनाधार को मजबूत कर सकता है।
- जनता की धारणा:
- इन आरोपों से जनता में यह धारणा बन सकती है कि AAP अपने मूल सिद्धांतों और वादों से भटक गई है।
AAP अब ईमानदार पार्टी नहीं रही- कैलाश
कैलाश गहलोत ने ये भी कहा कि ईमानदार पार्टी देखकर मैंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी लेकिन अब यह पार्टी ईमानदार नहीं रही. मेरे पास आम आदमी पार्टी को छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था. उन्होंने साल 2015 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी और उसी साल साउथ वेस्ट दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें जीत मिली थी.
#WATCH | Union Minister Manohar Lal Khattar says "Today, Delhi's former minister Kailash Gahlot has joined the BJP. This is a turning point in Delhi's politics as a senior minister of the Delhi Govt has joined the BJP…I am sure that you must have seen the work of PM Modi and… https://t.co/1frzzmY8nd pic.twitter.com/B5q4eCQwz6
— ANI (@ANI) November 18, 2024
साल 2017 में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेकर वह दिल्ली के परिवहन मंत्री बने थे. साल 2020 में भी वह लगातार दूसरी बार नजफगढ़ से चुनाव जीते थे. 2017 से ही वह परिवहन मंत्री का पद ही संभाल रहे थे.