कर्नाटक के चित्रदुर्गा में अवैध रूप से रह रहे छह बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी ने भारत में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की गंभीर समस्या को उजागर किया है। ये गिरफ्तारियां 18 नवंबर 2024 को पुलिस द्वारा होलालकेरे रोड के पास स्थित अरविंद गारमेंट्स और व्हाइट वॉश गारमेंट्स के पास से की गईं।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों:
- सुमन हुसैन
- शेख सैफुर रहमान
- मजहरुल
- अजीजुल शेख
- मोहम्मद शाकिब सिकदर
- सनोवर हुसैन
बरामद फर्जी दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- श्रमिक कार्ड
- बैंक पासबुक
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
घटना का विवरण:
पुलिस ने इन व्यक्तियों को संदिग्ध परिस्थितियों में पाया और हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि वे जाली दस्तावेजों के माध्यम से भारत में रह रहे थे। ये दस्तावेज उन्हें अवैध गतिविधियों को छिपाने और स्थानीय सिस्टम में घुलने-मिलने में मदद कर रहे थे।
पुलिस का बयान:
चित्रदुर्गा के एसपी कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह एक सुनियोजित ऑपरेशन था। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि ये बांग्लादेशी नागरिक भारत में कब और कैसे आए, उनके दस्तावेज किसने तैयार किए, और क्या वे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं।
Karnataka | On 18th November, while patrolling near Aravind Garments and White Wash Garments on Holalkere Road, Chitradurga City, 6 Bangladeshi nationals were apprehended in the second phase of Dhavalagiri Layout.
A press release by Police says that upon interrogation and… pic.twitter.com/0qCNhTJqSp
— ANI (@ANI) November 19, 2024
चिंताएं:
- राष्ट्रीय सुरक्षा: अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
- फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क: यह घटना एक बड़े जालसाजी नेटवर्क की ओर इशारा करती है, जिसमें स्थानीय लोग भी शामिल हो सकते हैं।
- अवैध श्रमिकों का मुद्दा: गारमेंट उद्योग में काम करने वाले इन व्यक्तियों की मौजूदगी अवैध श्रमिकों की समस्या को उजागर करती है।
सरकार और एजेंसियों की जिम्मेदारी:
- सख्त जांच: अवैध दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोहों को पकड़ने के लिए व्यापक जांच की आवश्यकता है।
- सीमाओं की सुरक्षा: बांग्लादेश के साथ भारत की सीमाओं की निगरानी को और सख्त करना होगा।
- स्थानीय जागरूकता: नागरिकों को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि अवैध घुसपैठ और जाली दस्तावेजों के मुद्दे से निपटने के लिए सख्त कानून और बेहतर क्रियान्वयन की जरूरत है।
“भारत में बसने के लिए घुसे”
इन आरोपियों ने बताया कि वे भारत में बसने और काम करने के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता से फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत में प्रवेश किए थे। इसके बाद उन्होंने विभिन्न राज्यों में काम किया और हाल ही में रोजगार के लिए चित्रदुर्गा शहर पहुंचे थे।
गिरफ्तार हुए आरोपी
- शेख सैफुर रहमान (पिता: तारा मिया)
- मोहम्मद सुमन हुसैन अली (पिता: मोहम्मद दुलाल हुसैन)
- मजहरुल (पिता: मारुफ)
- सनोवर हुसैन (पिता: अरब मिया)
- मोहम्मद शाकिब सिकदर (पिता: मोहम्मद सेलीम सिकदर)
- अजीजुल शेख (पिता: रेहमान शेख)
बेंगलुरु भेजने की तैयारी
पुलिस ने इन आरोपियों के पास से मिले फर्जी दस्तावेजों को जब्त कर लिया है और अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर बेंगलुरु भेजने की योजना बनाई है, जहां उनकी पूछताछ जारी रहेगी। पुलिस को संदेह है कि जिले में बांग्लादेशी घुसपैठियों का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय हो सकता है और इसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
यह कार्रवाई चित्रदुर्गा जिले के एसपी रंजीत कुमार बंडारू और डीएसपी दिनकर के मार्गदर्शन में की गई। पुलिस टीम में चंद्रनाथ पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर एन. वेंकटेश, जिला विशेष विभाग के इंस्पेक्टर एन. गुड्डप्पा, चित्रदुर्गा किला पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर डोडन्ना, चित्रदुर्गा ग्रामीण पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर मुद्दुराज, और अन्य कर्मियों ने मिलकर इस बड़े अवैध घुसपैठ नेटवर्क का पर्दाफाश किया।