गुजरात के वडोदरा में तपन परमार की हत्या ने दलित समुदाय के खिलाफ हिंसा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि मृतक तपन परमार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व पार्षद रमेश परमार का बेटा था। घटना सर सयाजीराव जनरल अस्पताल (SSG) में घटी, जहाँ पुलिस की मौजूदगी के बावजूद ऐसी बर्बर वारदात हुई।
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मामले का संक्षिप्त विवरण:
- हत्या का घटनाक्रम:
- तपन परमार अपने दोस्त मितेश राजपूत के साथ अस्पताल गया था, जहाँ उनके साथी विक्रम का इलाज चल रहा था।
- कैंटीन में मौजूदगी के दौरान, हिस्ट्रीशीटर बाबर पठान और उसके साथी वहाँ पहुँचे।
- बहस के बाद बाबर और उसके साथियों ने धारदार हथियारों से हमला किया, जिसमें तपन की मौत हो गई और मितेश घायल हो गए।
- हमलावरों की पहचान:
- मुख्य आरोपी बाबर पठान और उसके साथियों महबूब, वसीम, और अन्य पर हत्या का आरोप है।
- सभी आरोपी वारदात के बाद फरार हो गए।
- पुलिस और प्रशासन की भूमिका:
- घटना के वक्त पुलिस के मौके पर मौजूद होने के दावे ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
- आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर दबाव बढ़ गया है।
प्रतिक्रिया और संवेदनशीलता:
- सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया:
- घटना ने दलित समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा की समस्या को उजागर किया है।
- तपन के परिवार और समर्थकों ने न्याय की मांग की है।
- भाजपा के स्थानीय नेताओं और दलित संगठनों ने घटना की निंदा की है।
- वडोदरा प्रशासन पर सवाल:
- यह सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस की मौजूदगी में इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई।
- प्रशासन पर आरोपियों को जल्द पकड़ने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का दबाव है।
संदर्भ:
- कानून व्यवस्था की चुनौती:
- इस घटना ने वडोदरा के मेहतावाड़ी क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में अपराध और हिस्ट्रीशीटरों की सक्रियता को उजागर किया है।
- पुलिस की कार्यप्रणाली और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की कमी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
- दलित उत्पीड़न के मामले:
- दलित समुदाय के खिलाफ इस प्रकार की घटनाएँ न केवल सामाजिक तनाव को बढ़ाती हैं, बल्कि प्रशासन की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े करती हैं।
हत्या की खबर से इलाके में भारी आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में लोग मेहतावाड़ी पुलिस थाने के बाहर जमा होकर प्रदर्शन करने लगे। मृतक के पिता रमेश परमार ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में मारा गया और आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग की। पुलिस ने मृतक के परिजनों की तहरीर पर केस दर्ज कर के जाँच शुरू कर दी। मौके पर तमाम उच्चाधिकारी भी पहुँचे और नाराज लोगों को समझा-बुझाकर शाँत किया।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जाँच शुरू की। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें बाबर पठान और अन्य आरोपितों की पहचान हुई। फुटेज में एक महिला, शबनम मंसूरी भी नजर आई, जो आरोपित वसीम की बीवी है। घटनास्थल पर बाबर के हाथ में धारदार हथियार साफ देखा गया। पुलिस ने मुख्य आरोपित बाबर पठान सहित पाँच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, घटना की पृष्ठभूमि नागरवाड़ा इलाके में हिन्दू और मुस्लिम युवकों के बीच हुए झगड़े से जुड़ी है। इस झगड़े में एक पक्ष से वसीम और दूसरे पक्ष से धर्मेश व विक्रम घायल हुए थे। विवाद के बाद दोनों पक्षों को मेडिकल जाँच के लिए SSG अस्पताल लाया गया था। तपन इस विवाद का हिस्सा नहीं था, वह केवल अपने दोस्त के साथ अस्पताल आया था। इसी दौरान बाबर ने उस पर हमला कर दिया।
गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने इस घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस हत्याकांड के बाद पुलिस न बाबर पठान सहित कुल 5 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। मुख्य आरोपित बाबर पठान पहले भी असामाजिक गतिविधि रोकथाम अधिनियम (PASA) के तहत जेल जा चुका है।