राजस्थान सरकार ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा, ‘हमारी सरकार ने “द साबरमती रिपोर्ट” फिल्म को राजस्थान में कर-मुक्त (टैक्स फ्री) करने का सार्थक निर्णय लिया है। यह फिल्म इतिहास के उस भयावह काल-खंड को यथार्थ रूप में दर्शाती है, जिसे कुछ स्वार्थी तत्वों ने अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए विकृत करने का कुत्सित प्रयास किया। यह फिल्म न केवल तत्कालीन व्यवस्था की वास्तविकता को प्रभावशाली रूप से उजागर करती है, बल्कि उस समय के भ्रामक एवं मिथ्या प्रचार का भी खंडन करती है।’
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी टैक्स फ्री करने का ऐलान
सीएम शर्मा ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘इस दुर्भाग्यपूर्ण एवं हृदय विदारक घटना को फिल्म में अत्यंत संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया गया है। यह फिल्म इसलिए भी अवश्य देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का गहन एवं विवेचनात्मक अध्ययन ही हमें वर्तमान को समझने और भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।’ बता दें कि इसके पहले भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले कई अन्य राज्य फी इस फिल्म को टैक्स फ्री घोषित किया है। इससे पहले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया था। बता दें कि इस फिल्म में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धी डोगरा ने मुख्य भूमिकाएं अदा की हैं।
2002 में गोधरा में हुई की घटना पर आधारित है फिल्म
फिल्म की रिलीज से पहले इसके विक्रांत मैसी ने कहा था कि उन्हें सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकियां मिली हैं, लेकिन वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद की घटनाओं पर आधारित उनकी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ पूरी तरह तथ्यों पर आधारित है। बता दें कि यह फिल्म गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में हुई आगजनी और उसके बाद गुजरात में भड़के सांप्रदायिक दंगों पर आधारित है। गोधरा ट्रेन स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
हमारी सरकार ने "द साबरमती रिपोर्ट" फिल्म को राजस्थान में कर-मुक्त (टैक्स फ्री) करने का सार्थक निर्णय लिया है।
यह फिल्म इतिहास के उस भयावह काल-खंड को यथार्थ रूप में दर्शाती है, जिसे कुछ स्वार्थी तत्वों ने अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए विकृत करने का कुत्सित प्रयास किया। यह…
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) November 20, 2024
‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक बहुचर्चित और विवादास्पद विषय है, जो 2002 के गोधरा कांड और उसके बाद गुजरात में हुए दंगों से संबंधित है। यह रिपोर्ट 2002 में गोधरा ट्रेन कांड की जांच से जुड़ी थी, जिसमें साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को आग लगाई गई थी। घटना में 59 कारसेवक मारे गए थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इस घटना ने गुजरात में व्यापक सांप्रदायिक दंगों को जन्म दिया, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- घटना का संदर्भ:
- 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे (S6) में आग लगा दी गई।
- इसे सुनियोजित साजिश बताया गया, और इसके लिए स्थानीय मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया गया।
- इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और इसके बाद गुजरात में भयंकर सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे।
- जांच समितियाँ:
- गोधरा कांड और दंगे की जांच के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर कई समितियाँ और आयोग गठित किए गए।
- इनमें प्रमुख थे:
- नानावटी-मेहता आयोग (राज्य सरकार द्वारा गठित)।
- बनर्जी समिति (रेल मंत्रालय द्वारा गठित)।
- ‘द साबरमती रिपोर्ट’:
- इस नाम का कोई आधिकारिक सरकारी दस्तावेज नहीं है, लेकिन यह संभवतः गोधरा कांड और उसके बाद की घटनाओं पर आधारित रिपोर्ट्स या विवरणों का संदर्भ है।
- यह नाम आमतौर पर उन रिपोर्ट्स को संदर्भित करता है जो गोधरा कांड और गुजरात दंगों के कारणों, परिणामों, और राजनीतिक प्रभावों पर प्रकाश डालती हैं।
- नानावटी आयोग का निष्कर्ष:
- आयोग ने गोधरा कांड को पूर्व नियोजित साजिश करार दिया।
- आयोग ने कहा कि दंगों में राज्य सरकार की मिलीभगत का कोई प्रमाण नहीं था, लेकिन इसके निष्कर्ष विवादित रहे।
- बनर्जी समिति का निष्कर्ष:
- इसने गोधरा कांड को एक दुर्घटना बताया, और साजिश के दावों को खारिज किया।
- इसकी रिपोर्ट पर भी विवाद हुआ, और इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित कहा गया।
- प्रभाव:
- गोधरा कांड और उसके बाद के दंगे भारत के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक हैं।
- इस घटना ने देश में सांप्रदायिकता, राजनीति, और न्याय प्रणाली के मुद्दों पर व्यापक बहस छेड़ी।