रिलायंस समर्थित एडवर्ब रोबोटिक्स द्वारा भारत के पहले एआई-संचालित ह्यूमनॉइड रोबोट के विकास की घोषणा, देश को वैश्विक ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स उद्योग में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रमुख बिंदु:
- लॉन्च की समयसीमा:
- एडवर्ब का ह्यूमनॉइड रोबोट 2025 में लॉन्च किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य उद्योगों में जटिल कार्य करने के लिए एक कुशल और एआई-सक्षम रोबोट तैयार करना है।
- उद्योगों के लिए संभावित उपयोग:
- यह रोबोट फैशन, खुदरा (रिटेल), और ऊर्जा क्षेत्रों जैसे उद्योगों में जटिल कार्य कर सकेगा।
- इसका उपयोग रिलायंस के विभिन्न व्यवसायों जैसे किराना, फैशन, स्वास्थ्य सेवा, और पेट्रोकेमिकल्स में किया जाएगा।
- रिलायंस और एडवर्ब की साझेदारी:
- 2021 में रिलायंस द्वारा एडवर्ब रोबोटिक्स में निवेश के बाद, कंपनी ने रिलायंस के व्यवसायों में विभिन्न रोबोटिक समाधान तैनात किए।
- यह ह्यूमनॉइड रोबोट विकास और उपयोग के लिए रिलायंस के साथ मिलकर काम करेगा।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा:
- इस रोबोट का सीधा मुकाबला एलन मस्क की टेस्ला, बोस्टन डायनेमिक्स, और एजिलिटी रोबोटिक्स जैसी कंपनियों से होगा।
- यह कदम भारत को वैश्विक ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकता है।
- एडवर्ब का रोबोटिक्स अनुभव:
- एडवर्ब ने पहले से ही ‘ट्रैकर’ जैसे एआई-संचालित रोबोट विकसित किए हैं, जिनमें खुद से नेविगेशन और मॉड्यूलर पेलोड की क्षमता है।
- कंपनी ने ऑटोमेशन सिस्टम और मोबाइल रोबोटिक्स में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है।
ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स में भारत की संभावना:
- तकनीकी आत्मनिर्भरता: यह परियोजना भारत के रोबोटिक्स और एआई अनुसंधान और विकास को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद कर सकती है।
- विविध उपयोग: ह्यूमनॉइड रोबोट का उपयोग न केवल उद्योगों में बल्कि सुरक्षा, आपातकालीन सेवाओं, और ग्राहक इंटरैक्शन जैसे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है।
- नौकरी और कौशल: यह क्षेत्र नए रोजगार के अवसर और एआई एवं रोबोटिक्स से संबंधित कौशल विकास को बढ़ावा देगा।
चुनौतियाँ और संभावनाएँ:
- चुनौतियाँ:
- वैश्विक खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा।
- उच्च-स्तरीय एआई तकनीक और हार्डवेयर में निवेश।
- संभावनाएँ:
- भारत के पास कुशल इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर विकास में मजबूत आधार है।
- बड़े पैमाने पर उत्पादन और लागत प्रभावी समाधान बनाने की क्षमता।
एडवर्ब और रिलायंस का यह कदम भारत को तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में एक नई ऊँचाई पर ले जा सकता है।
एडवर्ब रोबोटिक्स के सीईओ संगीत कुमार ने कंपनी के ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स क्षेत्र में प्रवेश और इसकी महत्वाकांक्षाओं पर जो बातें साझा की हैं, वे भारत के तकनीकी भविष्य और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एक बड़ा कदम हैं।
प्रमुख बातें:
- ‘3D’ नौकरियों का समाधान:
- कंपनी का लक्ष्य है ड्रेडफुल (थकाऊ), डर्टी (गंदे), और डेंजरस (खतरनाक) नौकरियों को खत्म करना।
- ह्यूमनॉइड रोबोट ऐसे कार्यों में दक्षता लाने में मदद करेगा जो इंसानों के लिए कठिन या जोखिमपूर्ण हैं।
- रिलायंस के साथ साझेदारी:
- Jio का AI प्लेटफ़ॉर्म और 5G सेवाएँ इस रोबोट की विकास प्रक्रिया में उपयोग की जा रही हैं।
- रिलायंस की रणनीतिक भागीदारी से इस प्रोजेक्ट को व्यापक समर्थन मिलेगा।
- तकनीकी क्षमताएँ:
- रोबोट मल्टी-मॉडल डेटा (विज़न, ऑडियो, और स्पर्श इनपुट) को प्रोसेस करने में सक्षम होगा।
- डायनेमिक और सेल्फ-लर्निंग एल्गोरिदम से लैस यह ह्यूमनॉइड जटिल वातावरण में नेविगेट करेगा और रीयल-टाइम निर्णय ले सकेगा।
- इसमें अत्याधुनिक जीपीयू तकनीक, ऊर्जा-कुशल एक्चुएटर्स, और दोनों हाथों से कार्य करने की क्षमता होगी।
- विज़ुअल और लैंग्वेज एक्शन (VLA) तकनीक इसे गतिशील वातावरण में बेहतर संचालन में सक्षम बनाएगी।
- उद्योगों में उपयोग:
- गोदाम, रक्षा, और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में इसे कार्यों को सरल और कुशल बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
- यह जटिल कार्यों और रीयल-टाइम निर्णय लेने में मदद करेगा, जिससे वर्कफ़्लो को अधिक अनुकूल बनाया जा सके।
- पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण:
- संगीत कुमार ने उल्लेख किया कि कंपनी का उद्देश्य केवल ह्यूमनॉइड रोबोट बनाना नहीं है, बल्कि डाउनस्ट्रीम कंपनियों का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
- यह मॉडल भारत में वेयरहाउस ऑटोमेशन के क्षेत्र में एडवर्ब द्वारा पहले ही अपनाया जा चुका है।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा और भारत का स्थान:
- एडवर्ब का ह्यूमनॉइड रोबोट भारत को वैश्विक रोबोटिक्स दौड़ में एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।
- यह पहल भारतीय तकनीकी नवाचार और वैश्विक स्तर पर स्वीकृति को बढ़ावा देगी।
महत्व और भविष्य:
- यह ह्यूमनॉइड न केवल भारत के तकनीकी विकास में मील का पत्थर होगा, बल्कि औद्योगिक कार्यों के डिजिटलीकरण में भी सहायक होगा।
- स्वदेशी तकनीक के विकास से भारत वैश्विक रोबोटिक्स बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।
- रिलायंस और एडवर्ब की यह पहल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को साकार करने में भी योगदान देगी।
संगीत कुमार का विज़न और कंपनी की तकनीकी क्षमताएँ भारत को ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की ओर ले जा रही हैं।
ऐडवर्ब रोबोटिक्स के ग्राहकों में रिलायंस के अलावा हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL),पेप्सिको, मेर्स्क, मोंडियल रिले, डीएचएल और लैंडमार्क प्रमुख हैं। ऐडवर्ब अमेरिका, यूरोप और एशिया में ऑपरेशनल है। कंपनी का कहना है कि वह भारत के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन के साथ रोबोटिक्स के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।