महाराष्ट्र में नवी मुंबई प्रशासन ने गुरुवार (21 नवंबर) को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अचानक बनी एक अवैध दरगाह को ध्वस्त कर दिया। हिंदू संगठनों ने मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाई गई इस अवैध संरचना को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। हिंदू संगठनों की ओर से बार-बार शिकायतें मिलने के बाद सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) और पनवेल पुलिस ने दरगाह को ध्वस्त करने का फैसला लिया।
हिंदू संगठनों द्वारा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बनी दरगाह को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताए जाने के बाद सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने हवाई अड्डे के पास बनाई गई अवैध संरचनाओं के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। अक्टूबर 2024 में हवाई अड्डे के पास एक पहाड़ी पर स्थित दरगाह को लेकर यह आरोप लगाया था कि वर्ष 2012 में कुछ पत्थरों को रंगकर अतिक्रमण किया गया था और अब यह एक एकड़ से अधिक भूमि पर फैल गया है।
हिंदू संगठन के आईटी सेल ने गृह मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अचानक एक दरगाह बन गई है। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि पनवेल के गांव में एक पहाड़ी पर अतिक्रमण करीब 15 साल पहले शुरू हुआ था, जो अब एक दरगाह का रूप ले चुका है। यह दरगाह एक एकड़ जमीन पर फैली हुई है, जिसमें टिन शेड की छतों वाले करीब छह कमरे हैं।
हिंदू आईटी सेल की शिकायत में यह भी कहा गया था, “नवी मुंबई में बनने जा रहे नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप एक अवैध संरचना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। मुंबई के मौजूदा हालातों को देखते हुए यह एक बड़ा सुरक्षा खतरा है। हालांकि सिडको द्वारा अवैध संरचना को हटाने के लिए नोटिस दिया गया है, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।”
हिंदू आईटी सेल की शिकायत में यह भी कहा गया था, “नवी मुंबई में बनने जा रहे नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप एक अवैध संरचना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। मुंबई के मौजूदा हालातों को देखते हुए यह एक बड़ा सुरक्षा खतरा है। हालांकि सिडको द्वारा अवैध संरचना को हटाने के लिए नोटिस दिया गया है, लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।”
इससे पहले हिंदू संगठन (हिंदू जनजागृति समिति) ने मार्च 2023 में सिडको को पत्र लिखकर अवैध दरगाह को गिराने की मांग की थी। शहर में ऐसी अवैध संरचनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सिडको के अधिकारियों से भी मिला था। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अतिक्रमण की शुरुआत कुछ पत्थरों को हरे रंग से रंगने से हुई थी और अब यह एक एकड़ की संपत्ति में फैल गया है, जिसमें एक परिसर, फव्वारा, गुंबद, पानी की टंकियां, आउटहाउस, गेस्टहाउस और एक पार्किंग स्थल है।