दिल्ली में वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है और यह जनता के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। एक्यूआई का 420 तक पहुंचना “गंभीर” श्रेणी में आता है, जिसका अर्थ है कि यह न केवल संवेदनशील समूहों बल्कि सामान्य जनता के लिए भी खतरनाक है। आइए इस समस्या को विस्तार से समझें:
1. वायु प्रदूषण के मुख्य कारण:
- पराली जलाना: पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के कारण बड़ी मात्रा में धुआं दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
- वाहनों से उत्सर्जन: दिल्ली में वाहनों की संख्या अत्यधिक है, जो प्रमुख प्रदूषण स्रोतों में से एक है।
- निर्माण गतिविधियाँ: निर्माण और तोड़फोड़ से निकलने वाली धूल वायु प्रदूषण को बढ़ाती है।
- कारखाने और उद्योग: शहर के आसपास के क्षेत्रों में फैक्ट्री उत्सर्जन भी प्रदूषण को बढ़ाने में भूमिका निभाता है।
- सर्दियों का मौसम: सर्दियों में हवा की गति धीमी हो जाती है, जिससे प्रदूषक कण वातावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं।
2. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) चरण 4:
GRAP का चौथा चरण सबसे कठोर प्रतिबंध लागू करता है। इसमें:
- निर्माण गतिविधियों पर रोक: दिल्ली-एनसीआर में निर्माण और विध्वंस कार्य प्रतिबंधित किए जाते हैं।
- वाहनों पर प्रतिबंध: डीजल वाहनों के परिचालन पर रोक लगाई जाती है, खासकर 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर।
- औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध: गैर-जरूरी औद्योगिक कार्य बंद कर दिए जाते हैं।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रोत्साहन: सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा दिया जाता है।
3. स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- श्वसन तंत्र पर असर: स्मॉग और PM2.5 जैसी महीन कणिकाएँ फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर जाती हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है।
- दिल की बीमारियाँ: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
- बच्चों और बुजुर्गों पर असर: कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह स्थिति और अधिक खतरनाक है।
4. सुप्रीम कोर्ट और सरकार की भूमिका:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को कई बार इस मुद्दे पर फटकार लगाई है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकला है। सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, जैसे:
- पराली जलाने पर रोक के लिए मशीनरी सब्सिडी।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना।
- ऑड-ईवन योजना।
हालांकि, इन कदमों का प्रभाव अल्पकालिक रहा है।
5. क्या हो सकता है समाधान?
अल्पकालिक उपाय:
- लोगों को घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने की सलाह देना।
- मास्क पहनने और एयर प्यूरीफायर का उपयोग बढ़ाना।
- ट्रैफिक नियंत्रण और वाहनों का उपयोग सीमित करना।
दीर्घकालिक समाधान:
- पराली प्रबंधन: किसानों को पराली जलाने के विकल्पों के लिए जागरूक करना और आर्थिक सहायता देना।
- नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग: कोयले और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करना।
- हरियाली बढ़ाना: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण।
- सख्त कानून: प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और वाहनों पर सख्त कार्रवाई।
दिल्ली में कहां कितना है एक्यूआई
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग एक्यूआई दर्ज किया गया है। आनंद विहार में 457, अशोक विहार में 455, चांदनी चौक में 439, आरके पुरम में 421 एक्यूआई दर्ज किया गया है जो कि गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। बता दें कि 0-5- एक्यूआई को अच्छा, 51-100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101-200 एक्यूआई मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बेहद खराब और 401-500 एक्यूआई को गंभीर श्रेणी माना जाता है। इसके उपर एक्यूआई के जाने पर इसे बेहद गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है। स्मॉग के कारण दिल्ली में आने-जाने वाली ट्रेनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनसाधारण एक्सप्रेस आनंद विहार टर्मिनल से दानापुर जाने वाली ट्रेन 661 मिनट लेट हो गई। वहीं हजर निजामुद्दीन हमसफर एक्सप्रेस 110 मिनट लेट हो गई। वहीं रुनिचा एक्सप्रेस 24 मिनट देरी से चल रही है।
गोपाल राय ने कियी निरीक्षण
बता दें कि अक्तूबर महीने में एक्यूआई 371 दर्ज किया गया था, जो कि बहुत खराब श्रेणी को दर्शाता है। वहीं 22 नवंबर को दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नरेला-सिंघु बॉर्डर पर ग्रेप 4 के नियमों की जांच की। ग्रेप 4 को लागू करने के बाद से दिल्ली में बीएस 4 रजिस्टर्ड डीजल संचालित मध्यम आकार के सामान वाहनों को और भारी सामान वाहनों को आने की मनाही है। केवल उन्हीं वाहनों को दिल्ली में आने की अनुमति है जो जरूरी सामानों को लाने और ले जाने का काम कर रहे हैं। गोपाल राय ने इसे लेकर कहा कि आप सरकार प्रदूषण के स्तर को कम करने में लगी हुई है। जिन वाहनों से वायु प्रदूषण हो रहा है, उन वाहनों को दिल्ली में घुसने की मनाही है।