प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 नवंबर 2024 को मन की बात कार्यक्रम के 116वें एपिसोड में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम को न केवल भारत की 22 भाषाओं और 29 बोलियों में, बल्कि 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया गया। यह ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के 500 से अधिक प्रसारण केंद्रों पर सुनाया गया, और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी इसे अलग-अलग स्थानों पर सामूहिक रूप से सुनते देखे गए।
पीएम मोदी की मुख्य बातें:
- एनसीसी दिवस:
- पीएम मोदी ने एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपने अनुभव साझा किए, क्योंकि वह स्वयं एक एनसीसी कैडेट रह चुके हैं।
- उन्होंने एनसीसी की सराहना करते हुए कहा कि यह युवाओं में अनुशासन, नेतृत्व और सेवा भावना विकसित करता है।
- आपदाओं के समय एनसीसी कैडेट्स की सक्रियता का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि एनसीसी को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
- उन्होंने यह भी बताया कि अब एनसीसी में गर्ल्स कैडेट्स की संख्या 40% तक बढ़ चुकी है, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।
- मन की बात की व्यापकता:
- यह कार्यक्रम न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों के बीच लोकप्रिय है। विदेशी भाषाओं में इसका प्रसारण भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करता है।
- सामाजिक और राष्ट्रीय योगदान:
- पीएम मोदी ने समाज और राष्ट्र की सेवा में युवाओं और संगठनों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
खास तरीके से मनाई जाएगी विवेकानंद जयंती
पीएम मोदी ने कहा कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती पर इस बार इसे खास तरीके से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 11 और 12 जनवरी को भारत मंडपम में युवाओं का महाकुंभ होने जा रहा है। इसमें करोड़ों युवा भाग लेंगे। आपको याद होगा कि मैं लाल किले की प्राचीर से ऐसे युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान किया है, जिनके परिवार का कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है। ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। इसमें देश और विदेश से एक्सपर्ट आएंगे। मैं भी इसमें ज्यादा से ज्यादा उपस्थित रहूंगा। देश इन आइडियाज को कैसे आगे लेकर जा सकता है, इसका एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा। देश की भावी पीढ़ी के लिए ये एक बड़ा मौका आने वाला है।
Your support will always be cherished. I talked about it during my #MannKiBaat programme. Also appreciated the Indian community in Guyana in the same episode. @DrMohamedIrfaa1 @presidentaligy https://t.co/1pUrdJVsFl
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2024
निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रहे युवा
पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात में अक्सर ऐसे युवाओं की चर्चा करते हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे कई युवा हैं जो लोगों की समस्याओं का समाधान निकालने में जुटे हैं। लखनऊ के विरेंद्र अपने क्षेत्र के बुजुर्गों की टेक्नॉलॉजी के मामले में जागरूक कर रहे हैं। कई शहरों में युवा बुजुर्गों को डिजिटल क्रांति में भागीदार बनाने के लिए आगे आ रहे हैं। भोपाल के महेश ने कई बुजुर्गों को मोबाइल से पेमेंट करने के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट से बचाने के लिए भी युवा लोगों को जागरूक कर रहे हैं। पिछले एपिसोड में मैंने चर्चा की थी। इस तरह के अपराध के शिकार ज्यादातर बुजुर्ग ही बनते हैं। हमें लोगों को समझाना होगा कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी प्रावधान नहीं है। मुझे खुशी है कि युवा साथी इस काम में हिस्सा ले रहे हैं और दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में दो प्रमुख विषयों पर विशेष जोर दिया—किताबों के महत्व और भारतीय मूल के लोगों की वैश्विक उपस्थिति।
An inspiring initiative in Slovakia that focuses on preserving and promoting our culture.
For the first time, the Upanishads have been translated into the Slovak language. This reflects the increasing popularity of Indian culture worldwide. #MannKiBaat pic.twitter.com/Vy7YRHT8Fb
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2024
किताबों से दोस्ती का संदेश:
पीएम मोदी ने बच्चों और युवाओं को किताबों के साथ दोस्ती बढ़ाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, और लाइब्रेरी इसका सबसे अच्छा माध्यम है। उन्होंने कुछ उल्लेखनीय लाइब्रेरी प्रयोगों की चर्चा की:
- चेन्नई की बच्चों की लाइब्रेरी:
- यह लाइब्रेरी बच्चों के लिए क्रिएटिविटी का सेंटर बन चुकी है।
- इसमें 3,000 से अधिक किताबें हैं और कई प्रकार की एक्टिविटीज़ बच्चों को आकर्षित करती हैं।
- बिहार के गोपालगंज की प्रयोग लाइब्रेरी:
- यह लाइब्रेरी 12 गांवों के युवाओं को किताबों की सुविधा प्रदान कर रही है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह लाइब्रेरी विशेष रूप से उपयोगी है।
पीएम मोदी ने कहा कि किताबें न केवल ज्ञान का भंडार हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखती हैं।
भारतीय मूल के लोगों का योगदान:
पीएम मोदी ने अपने हालिया गयाना दौरे के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि गयाना में एक मिनी भारत बसता है, जहां 180 साल पहले भारत से मजदूरों को ले जाया गया था।
- आज भारतीय मूल के लोग गयाना के हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रहे हैं। यहां तक कि गयाना के राष्ट्रपति भी भारतीय मूल के हैं।
- उन्होंने गयाना में भारतीय मूल के लोगों की विरासत को जीवित रखने के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री की अपील:
पीएम मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे दुनिया भर में बसे भारतीय मूल के लोगों की कहानियों को खोजें और उनके प्रयासों को साझा करें:
- कैसे इन लोगों ने अपनी भारतीय जड़ों को जीवित रखा है।
- कैसे उनकी विरासत नई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी हुई है।
प्रधानमंत्री का प्रेरक संदेश:
- किताबों का महत्व: ज्ञान और रचनात्मकता बढ़ाने के लिए किताबें पढ़ने की आदत डालें।
- भारतीय संस्कृति की पहचान: प्रवासी भारतीयों की कहानियों के जरिए यह जानने का प्रयास करें कि भारतीय मूल के लोग अपनी सांस्कृतिक विरासत को कैसे बनाए रखते हैं।
पीएम मोदी के ये विचार हर भारतीय को गर्व और प्रेरणा का अनुभव कराते हैं।
During today's #MannKiBaat episode, I spoke about various efforts being made to encourage creativity and learning among children…. pic.twitter.com/qVjn8Ugkcl
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2024
इतिहास संजोने के लिए चलाया जा रहा प्रोजेक्ट
पीएम मोदी ने कहा कि आपको ओमान में चल रहे एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्रोजेक्ट भी दिलचस्प लगेगा। कई भारतीय प्रवासी परिवार ओमान में रह रहे हैं। इनमें से कई के बाद ओमान की नागरिकता है, लेकिन भारतीयता उनकी रग-रग में बसती है। इनसे जुड़े दस्तावेजों को जुटाया गया है। ओरल हिस्ट्री प्रोजेक्ट भी इसी का आधार है। इसमें वहां के वरिष्ठ लोगों ने अपने अनुभव साझा किया है। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट भारत में भी हो रहा है। इसके तहत इतिहास प्रेमी देश के विभाजन काल के दौरान के लोगों के अनुभव संग्रह कर रहे हैं। आज ऐसे लोग बहुत कम ही बचे हैं जिन्होंने उस काल को देखा था। जो देश अपने इतिहास को संजो कर रखता है, उसका भविष्य भी अच्छा होता है। देश में ऐसी ही कई अन्य प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। आप भी इसमें सहयोग कर सकते हैं। स्लोवाकिया में पहली बार स्लोवाक भाषा में हमारे उपनिषदों को अनुवाद किया गया है। हम सभी के लिए ये गर्व की बात है कि दुनियाभर में करोड़ों लोग हैं, जिनके हृदय में भारत बसता है।
पांच महीने में लगाए गए 100 करोड़ से ज्यादा पेड़
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले हमने एक पेड़ मां के नाम अभियान शुरू किया था। इस अभियान ने 100 करोड़ पेड़ लगाने का पड़ाव पार कर लिया है, वो भी सिर्फ पांच महीने में। इससे जुड़ी एक और बात जानकर आपको गर्व होगा कि ये अभियान अब दुनिया के दूसरे देशों में भी फैल रहा है। गयाना में भी मेरे साथ गयाना के राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ एक पेड़ मां के नाम अभियान में शामिल हुए। देश के अलग-अलग हिस्सों में ये अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर में 24 घंटे में 12 लाख पेड़ लगाए गए। जैसलमेर में एक अनोखा रिकॉर्ड बना। यहां महिलाओं की एक टीम ने 1 घंटे में 25 हजार पेड़ लगाया। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत कई सामाजिक संस्थाएं पेड़ लगा रही हैं। उनका प्रयास है कि जहां पेड़ लगाए जाएं वहां पूरा इको सिस्टम डेवलप हो। इस अभियान से जुड़कर कोई भी व्यक्ति अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगा सकता है। मां का ऋण हम कभी नहीं चुका सकते हैं, लेकिन एक पेड़ लगाकर हम उनकी उपस्थिति को जीवंत बना सकते हैं।
बायो डायवर्सिटी में गौरैया का अहम योगदान
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी ने बचपन में गौरैया को देखा होगा। हमारे आसपास बायो डायवर्सिटी को बनाए रखने में गौरैया का अहम योगदान होता है। बढ़ते शहरीकरण की वजह से गौरैया हमसे दूर चली गई है। आज की पीढ़ी के बच्चे सिर्फ तस्वीरों में इस पक्षी को देखा है। अब इस पक्षी की वापसी के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। आप भी अपने आसपास प्रयास करेंगे तो गौरैया हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएगी।
स्वच्छता अभियान में करें सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि आपने देखा होगा, जैसे ही कोई कहता है सरकारी दफ्तर तो आपके मन में फाइलों के ढेर की तस्वीरें बनती हैं। ऐसी दशकों पुरानी फाइलों को हटाने के लिए एक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसके परिणाम भी सामने आए हैं। जहां स्वच्छता होती है, वहां लक्ष्मी जी का वास होता है। मुंबई की दो बेटियां, अक्षरा और प्रकृति कतरन से फैशन का सामान बना रही हैं। इनकी टीम कपड़ों के कचरे को फैशन के प्रोडक्ट में बदलती हैं। साफ-सफाई को लेकर कानपुर में भी कुछ लोग रोज मॉर्निंग वॉक पर निकलते हैं और कचरे को उठा लेते हैं। पहले इसमें कुछ लोग ही जुड़े थे, लेकिन अब ये बड़ा अभियान बन गया है। छोटे प्रयासों से बड़ी सफलता मिलती है, इसका उदाहरण असम की इतिशा भी है। वह अरुणाचल की शांति घाटी को साफ बनाने में जुटी हैं। उनके ग्रुप के लोग वहां आने वाले पर्यटकों को जागरूक करती हैं। ऐसे प्रयासों से भारत के स्वच्छता अभियान को गति मिलती है।