संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। सत्र के शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद परिसर से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्जवल अवसर है।
#WATCH | #ParliamentWinterSession | Prime Minister Narendra Modi says "The last phase of 2024 is underway and the country is preparing for 2025. This Session of Parliament is special in several ways and the most important thing is the beginning of the 75th year of the… pic.twitter.com/lRgEy6lPr3
— ANI (@ANI) November 25, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में एक स्वस्थ चर्चा और लोकतांत्रिक मूल्यों के सम्मान का आह्वान किया। उन्होंने संसद में हो रहे गतिरोध और कुछ विपक्षी नेताओं की कार्यशैली पर कड़ा प्रहार करते हुए जनता की अपेक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य विचार:
1. मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी:
- पीएम मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता, जिन्हें जनता ने बार-बार अस्वीकार किया है, संसद में व्यवधान उत्पन्न करने का प्रयास करते हैं।
- उन्होंने इसे हुड़दंगबाजी करार देते हुए कहा कि यह जनता की उम्मीदों और लोकतंत्र के लिए सम्मानजनक नहीं है।
- ऐसे लोग न तो काम करते हैं और न ही दूसरों को काम करने देते हैं।
2. जनता द्वारा बार-बार नकारा जाना:
- पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग 80-90 बार जनता द्वारा नकारे जा चुके हैं, फिर भी उनकी हरकतें लोकतंत्र की पवित्रता को बाधित करने का प्रयास करती हैं।
- उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनता ऐसे लोगों को देख रही है और उनकी हरकतों की सजा भी देती है।
#WATCH | Delhi: PM Narendra Modi says, "Some people who have been rejected by the people are constantly trying to control the Parliament through hooliganism by a handful of people. The people of the country count all their actions and when the time comes, they also punish them.… pic.twitter.com/qUhCsb2Ae6
— ANI (@ANI) November 25, 2024
3. लोकतंत्र का सम्मान:
- पीएम ने कहा कि संसद का कार्य सुचारू रूप से चलाना हर सदस्य की जिम्मेदारी है। लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चा और विचार-विमर्श से ही सार्थक नतीजे निकलते हैं।
- उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे जनता जनार्दन की भावना का सम्मान करें और अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।
4. भारत की वैश्विक भूमिका:
- प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज दुनिया भारत की ओर आशा और विश्वास के साथ देख रही है। ऐसे में संसद का ठप रहना न केवल देश के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की छवि के लिए हानिकारक है।
- उन्होंने कहा कि आशा है कि संसद में हो रही चर्चा से कुछ सार्थक नतीजे निकलेंगे।
पीएम मोदी का संदेश:
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के जरिए यह स्पष्ट किया कि लोकतंत्र की सफलता स्वस्थ और रचनात्मक संवाद पर निर्भर करती है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए कहा कि जनता की आकांक्षाओं का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है।
यह भाषण न केवल संसद के बेहतर संचालन की आवश्यकता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज और उनके विश्वास का महत्व सबसे अधिक है।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi arrives at the Parliament, ahead of the commencement of the Winter Session of Parliament today.
The Winter Session of Parliament begins today and will continue till December 20, 2024 pic.twitter.com/VTHsQNMVv5
— ANI (@ANI) November 25, 2024
दुनिया को संदेश जाना चाहिए- पीएम मोदी
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले PM मोदी ने कहा कि मैं बार बार विपक्ष से आग्रह करता हूँ। कुछ विपक्ष की आग्रह करता हूँ जिनको जनता ने नकारा दिया वे अवरोध पैदा करते है। मैं आशा करता हूँ कि नए लोगों जिनके पास नए विचार और ऊर्जा है। विश्व भारत की ओर देख रहा है। विश्व में भारत को ऐसे अवसर कम मिलते हैं जो आज मिला है। विश्व को संदेश जाना चाहिए। हम जितना समय गवां चुके है उसका पश्चाताप करे। मैं आशा करता हूँ कि यह सत्र बहुत ही परिणामकारी हो। वैश्विक गरिमा को बल देने वाला और नए सांसदों को बल देने वाला हो।