उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के अधिवेशन में भाषण के दौरान धर्मांतरण के खिलाफ राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई और नागरिकों की जिम्मेदारी पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री के भाषण के मुख्य बिंदु:
1. धर्मांतरण के खिलाफ सख्ती:
- सीएम योगी ने हाल ही में मौलाना कलीम, मौलाना उमर और उनके सहयोगियों को उम्रकैद की सजा दिलाने के लिए न्यायालय की सराहना की।
- उन्होंने कहा कि सजा इस आधार पर नहीं दी गई कि वे मौलवी थे, बल्कि इसलिए दी गई क्योंकि वे छद्म तरीके से धर्मांतरण के लिए षड्यंत्र रच रहे थे।
2. 2019-20 की घटना का जिक्र:
- योगी आदित्यनाथ ने बताया कि दो संदिग्ध युवक, जो बाहरी (दिल्ली और हैदराबाद से) थे, संत की हत्या की साजिश में शामिल पाए गए थे।
- युवकों के पास से सर्जिकल ब्लेड बरामद की गई, जो जानलेवा हो सकती थी। बाद में पूछताछ से पता चला कि वे बाटला हाउस से जुड़े रैकेट का हिस्सा थे।
3. धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश:
- मुख्यमंत्री ने बाटला हाउस रैकेट के खुलासे का जिक्र किया, जिसमें मूक-बधिर बच्चों को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाया जा रहा था।
- गुरुग्राम और कानपुर की घटनाएं:
- गुरुग्राम: एक मूक-बधिर बच्चे को जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया गया।
- कानपुर: एक मूक-बधिर बच्चा, जो धर्मांतरण संस्था का हिस्सा था, कोरोना काल में घर लौटने पर सुबह 4 बजे नमाज पढ़ता पाया गया।
4. धर्मांतरण पर समाज की भूमिका:
- योगी आदित्यनाथ ने नागरिकों से सतर्क रहने और ऐसी गतिविधियों की जानकारी पुलिस या प्रशासन को देने की अपील की। उन्होंने इसे न केवल प्रशासनिक, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी बताया।
सीएम योगी का संदेश:
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक को इसके खिलाफ सजग रहना होगा।
- उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगी।
- युवाओं और संगठनों से आग्रह किया कि वे समाज में धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का योगदान:
योगी आदित्यनाथ ने दीपेश नायर को प्रोफेसर यशवंत राव युवा पुरस्कार से सम्मानित करते हुए एबीवीपी की राष्ट्रवादी सोच और समाज में उनके सकारात्मक योगदान की सराहना की।
यह भाषण समाज में बढ़ती संवेदनशीलता और जागरूकता की जरूरत पर बल देता है, खासकर धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर।
योगी आदित्यनाथ ने आगे बताया, “जाँच में पता चला कि बाटला हाश से संचालित संस्था ऐसे बच्चों को स्मार्टफोन देकर बरगला रहा था। वो कोट-वर्ड के जरिए ट्रेनिंग देती थी और धर्मांतरण कराती थी। इसी केस का पर्दाफाश हम लोगों ने किया। उस संस्था ने 500 परिवारों को अपने चंगुल में फंसा रथा था। इसी केस में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई।” 28:20 मिनट से उस घटनाक्रम के बारे में सीएम योगी बता रहे हैं, उसे खुद सुन सकते हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन एवं प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार वितरण हेतु गोरखपुर में आयोजित समारोह में… https://t.co/wGpprLiuXO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 24, 2024
सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के अधिवेशन में जिस धर्मांतरण रैकेट का जिक्र किया गया, वह देश में अवैध धर्मांतरण से जुड़ा एक गंभीर मामला है। यह रैकेट वर्षों से उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों पर सक्रिय था और आर्थिक रूप से कमजोर, दिव्यांग और महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाता था।
मामले का विवरण:
1. गिरफ्तारी और सजा:
- 11 सितंबर 2024 को लखनऊ स्थित NIA कोर्ट ने मौलाना कलीम सिद्दीकी और उमर गौतम सहित 12 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- चार अन्य दोषियों, जिनमें राहुल भोला, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, मोहम्मद सलीम और कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ शामिल हैं, को 10-10 साल की सजा मिली।
- इन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 417 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक साजिश), 153A, 153B, 295A, 121A, 123 और अवैध धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम की धाराओं 3, 4, और 5 के तहत दोषी ठहराया गया।
2. रैकेट का तरीका:
- लालच और ब्रेनवॉश: यह गिरोह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, दिव्यांग व्यक्तियों और महिलाओं को फुसलाकर उनका धर्मांतरण करता था।
- डर और भ्रम: लोगों को उनके मूल धर्म के प्रति भ्रम, नफरत और भय का माहौल पैदा करके उनका ब्रेनवॉश किया जाता था।
- धर्मांतरण के बाद दबाव: धर्म परिवर्तन के बाद इन लोगों पर दबाव डाला जाता था कि वे और अधिक लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करें।
- विदेशी फंडिंग: इस रैकेट को चलाने के लिए खाड़ी देशों सहित अन्य विदेशी स्रोतों से धन प्राप्त होता था।
3. विशेष ध्यान:
- धर्म परिवर्तन के बाद यह सुनिश्चित किया जाता था कि धर्मांतरित व्यक्ति फिर से अपने मूल धर्म में न लौटे।
- इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दी जाती थी और मस्जिदों व मदरसों में रखा जाता था।
- जो व्यक्ति इस्लाम छोड़ने की कोशिश करते, उन्हें धमकी दी जाती थी।
4. मुख्य दोषी मौलाना कलीम सिद्दीकी:
- शैक्षिक पृष्ठभूमि: कलीम सिद्दीकी मूल रूप से मुजफ्फरनगर के फुलत गांव का रहने वाला है। उसने मेरठ कॉलेज से बीएससी की शिक्षा ली और दिल्ली में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन इसे बीच में छोड़कर इस्लामी स्कॉलर बन गया।
- गिरफ्तारी: 22 सितंबर 2021 को कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था।
- जमानत: अप्रैल 2023 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसे जमानत दे दी, लेकिन उस पर कई पाबंदियां लगाई गईं।
सीएम योगी का बयान:
योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को एक गंभीर खतरे के रूप में पेश किया और बताया कि राज्य सरकार इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि इस रैकेट ने समाज में कमजोर और दिव्यांग वर्ग को विशेष रूप से निशाना बनाया और इसका उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक संरचना को प्रभावित करना था।
सीएम योगी ने दीपेश नायर को किया सम्मानित
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे ही मामलों को लेकर सजगता से काम कर रहे युवाओं को सम्मानित किया। सीएम योगी ने दीपेश नायर को प्रा. यशवंत राव युवा पुरस्कार सम्मान से सम्मानित करते हुए कहा, “आप ही के बीच में छिपे हुए ऐसे लोग, जो छद्म रूप में धर्मांतरण की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित करते हैं। वो लोग सेवा की सौदेबाजी कर रहे हैं। इस पर रोक लगाना समाज के प्रबुद्ध जनों का, जागरुक नागरिकों का दायित्व बनता है, ये सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि हर जागरुक नागरिक का नाम होना चाहिए। ये काम दीपेश नायर जैसे नौजवानों के माध्यम से कर रहे हैं। मैं दीपेश नायर जैसे युवाओं का सम्मान करता हूँ। आपको प्रा. यशवंत राव युवा पुरस्कार सम्मान से सम्मानित करने से इस सम्मान का गौरव बढ़ा है। छद्म रूप से धर्मांतरण करने वाले लोगों को अपनी संस्था के माध्यम से रोका और रोक रहे हैं। ये सबकी जिम्मेदारी बनती है।”
धर्मांतरण की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाना…
हर 'राष्ट्रभक्त' का कार्य होना चाहिए… pic.twitter.com/YKrHqrU3np
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 24, 2024
सीएम योगी आदित्यनाथ अधिवेशन के आखिरी दिन मुख्य मेहमान के तौर पर पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने खुद के एबीवीपी से जुड़ाव को भी याद किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीपेश नायर को प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया, जो सामाजिक जीवन में परिवर्तन लाने के लिए उल्लेखनीय काम करने के लिए दिया जाता है। दीपेश नायर ने सैकड़ों दिव्यांगों को उच्च शिक्षा के लिए रास्ता दिखाया है।
बता दें कि 22 नवंबर 2024 से गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन की शुरुआत हुई थी। इसमें 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो देश भर के 44 प्रांतों और मित्र राष्ट्र नेपाल से यहाँ पहुँचे। इस अधिवेशन में शिक्षा, समाज, पर्यावरण, संस्कृति जैसे विषयों पर देश भर से आए विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और शिक्षाविदों ने विमर्श किया।