जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को चौथे दिन भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ, जिसमें पथराव की घटनाएँ सामने आईं। करीब 2,000 प्रदर्शनकारियों ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिनमें मजदूरों और स्थानीय लोगों के साथ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह भी शामिल थे।
प्रदर्शन के कारण:
- मजदूरों की आजीविका का संकट:
- स्थानीय मजदूर, जो वैष्णो देवी यात्रा पर यात्रियों का सामान ढोने, घोड़ों और पालकियों के संचालन, और अन्य सेवाओं में शामिल हैं, इस प्रोजेक्ट से अपनी आजीविका छिनने का खतरा महसूस कर रहे हैं।
- उनका मानना है कि रोपवे शुरू होने से यात्रियों की संख्या में कमी हो सकती है, जिससे उनकी आय प्रभावित होगी।
- रोपवे का विरोध:
- प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह प्रोजेक्ट स्थानीय लोगों की भागीदारी को खत्म कर देगा और बाहरी कंपनियों को फायदा पहुँचाएगा।
- उन्हें यह भी चिंता है कि रोपवे प्रोजेक्ट धार्मिक और पर्यावरणीय संतुलन को नुकसान पहुँचा सकता है।
#WATCH | J&K: People hold protest against the Mata Vaishno Devi ropeway project, in Katra pic.twitter.com/soomGQqYCa
— ANI (@ANI) November 25, 2024
प्रदर्शन की स्थिति:
- प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के समझाने के प्रयास को नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद पुलिस को सख्ती करनी पड़ी। इससे स्थिति और उग्र हो गई, और पथराव की घटनाएँ हुईं।
- इस झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। इलाके में शांति बहाल करने के लिए सीआरपीएफ की 6 बटालियन को तैनात किया गया है।
- प्रशासन प्रदर्शनकारियों से लगातार संवाद स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।
सरकार की स्थिति:
- सरकार और प्रशासन का कहना है कि रोपवे प्रोजेक्ट से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी और यात्रा आसान होगी।
- हालांकि, प्रदर्शनकारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अब बातचीत का प्रयास किया जा रहा है।
250 करोड़ रुपए की है परियोजना
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 12 किलोमीटर ट्रैक के साथ ताराकोटे मार्ग से सांजी छत के बीच 250 करोड़ रुपये की यात्री रोपवे परियोजना को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, इस योजना की घोषणा के बाद दुकानदारों, खच्चर और पालकी मालिकों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत 22 नवंबर को हुई थी.
गेम चेंजर साबित होगा रोपवे प्रोजेक्ट
श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और तेज यात्रा की सुविधा के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना के कार्यान्वयन की घोषणा पिछले हफ्ते की थी. श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग के मुताबिक रोपवे परियोजना एक गेम चेंजर होगी. खासकर उन तीर्थयात्रियों के लिए जिन्हें मंदिर तक यात्रा करना चुनौतीपूर्ण लगता है.
रियासी के डिप्टी कमिश्नर विशेष महाजन ने आज कहा कि प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की है और उनकी मांगों को सुना है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी पक्षों के लिए उपयुक्त समाधान निकाले जाएंगे। महाजन ने बताया कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से भी बातचीत की गई और उन्होंने यह आश्वासन दिया कि वे मामले को देखेंगे। डिप्टी कमिश्नर ने कहा हमने श्राइन बोर्ड से अनुरोध किया और काम फिलहाल रोक दिया गया है। महाजन ने यह भी बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि वे तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा नहीं होने देंगे।
#WATCH कटरा: रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने कहा, "यहां लोग पिछले 3 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम इसे संभाल रहे हैं। आज पुलिस पर पथराव किया गया, हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी…" https://t.co/CPlZk9nRpm pic.twitter.com/g3PPStiXL6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2024