उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक हिन्दू परिवार की जमीन को वक्फ की सम्पत्ति बताते हुए मुस्लिम भीड़ ने हमला किया है। हमलावर एक दरगाह से जुड़े लोग बताए जा रहे हैं जिन्होंने पत्थरबाजी की और लाठी-डंडे चलाए। हमले में उपाध्याय परिवार के 3 सदस्य घायल हो गए हैं जिनका इलाज चल रहा है। घटना रविवार (24 नवंबर 2024) की है। नामजद किए गए 15 हमलावरों में पुलिस ने अब तक फरमान और रफीक को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी हमलावरों की तलाश जारी है।
यह मामला एटा जिले के थानाक्षेत्र जलेसर का है। शनिवार की रात यहाँ सुनील कुमार उपाध्याय ने पुलिस में तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने बताया कि वसंत टाकीज के पास उनकी 24 बीघा जमीन है। इसी जमीन से थोड़ी दूर सड़क पार एक दरगाह की जमीन है। दरगाह से जुड़े लोग सुनील की पुश्तैनी जमीन पर विवाद खड़ा कर रहे थे। दरगाह कमेटी इस जमीन के वक्फ की सम्पत्ति होने का दावा कर रही थी। इसी विवाद के बाद इसी माह 6 नवबंर को स्थानीय प्रशासन ने जमीन को नाप कर मामले का निपटारा कर दिया था।
— Etah Police (@Etahpolice) November 25, 2024
पैमाइश के दौरान वहाँ वक्फ बोर्ड से जुड़े लोग भी थे। कोई विवाद दोबारा न हो इसके लिए रविवार (24 नवंबर) को सुनील अपने परिजनों के साथ मिल कर प्रशासन द्वारा चिन्हित अपनी जमीन की बॉउंड्री करवा रहे थे। शाम लगभग 4:30 पर अचानक निर्माण कार्य के दौरान वहाँ मुस्लिम भीड़ पहुँच गई। इनके हाथों में पत्थर और लाठी -डंडे थे। भीड़ में से एक हमलावर ने सुनील के परिवार को देखते ही कहा, “आज सालों को जान से मार दो।”
इसी के बाद हिंसक भीड़ ने उपाध्याय परिवार पर हमला कर दिया। लाठी-डंडों को चलाने के साथ पत्थरबाजी भी की गई। कुछ हमलावरों ने सुनील द्वारा बनवाई गई बॉउंड्री को भी गिरा दिया। हमलावरों की तादाद लगभग 150 के आसपास बताई जा रही है। ये भीड़ दरगाह की तरफ से आ रही थी। बॉउंड्री गिराने के साथ हमलावरों ने वहाँ खड़े वाहनों और मेज कुर्सियों में भी तोड़फोड़ की। इस हिंसा से आसपास अफरातफरी का माहौल बन गया। आसपास के दुकानदारों ने डर से अपनी दुकानें बंद कर दीं।
संभल के बाद
एटा में कट्टरपंथियों का पथराव😱
अचानक एक साथ भारी संख्या में पहुंचे थे मुस्लिम,घेरकर करने लगे पथराव,पुलिस बल संग SDM व CO मौके पर पहुंचे
हिंदुओं की जमीन को "वक्फ संपत्ति" बताकर कब्जा करने पहुंचे थे कट्टरपंथी,जलेसर में स्थित दरगाह के पास का मामला।
सोते रहो हिन्दूओ pic.twitter.com/KwmnvjrZVy
— sanjeev singh (@Sanjeev26429531) November 25, 2024
एटा जिले के जलेसर क्षेत्र में हुए इस गंभीर घटना के बाद प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़ित सुनील उपाध्याय और उनके परिवार पर हुए इस हमले ने समुदाय के भीतर सुरक्षा और न्याय की आवश्यकता को उजागर किया है।
घटना के ताजा विवरण:
- घायल लोग:
- मोनू, संजय, और सुरेश उपाध्याय: हिंसक भीड़ की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हुए। इनका इलाज स्थानीय अस्पताल में जारी है।
- आसपास के राहगीर भीड़ के हमले से बचने के लिए भागने पर मजबूर हुए।
- हमलावरों की पहचान और कार्रवाई:
- सुनील उपाध्याय ने अपनी शिकायत में 16 आरोपियों के नाम दिए, जिनमें प्रमुख नाम हैं: रफीक, अरमान, बबलू, वसीम, फरमान, नासिर, शाकिर, दानिश, नदीम, अरशद, शकील, इरफान, महफूज, यामीन और मुजम्मिल।
- इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:
- धारा 191 (2) और (3): सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए जिम्मेदारी।
- धारा 190 और 109: आपराधिक धमकी और उकसावे से संबंधित।
- धारा 115 (2): हत्या के प्रयास के लिए।
- धारा 352 और 351 (3): हमले और हिंसा के लिए।
- धारा 324 (4): गंभीर चोट पहुंचाने के लिए।
- धारा 7 (अपराध अधिनियम 1932): दंगों और हिंसक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रावधान।
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
- सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन हमलावर पहले ही भाग चुके थे।
- पुलिस बल ने इलाके को शांत किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
- आरोपियों की धमकी:
- भागते समय हमलावरों ने सुनील और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी, जिससे पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
प्रशासन की जिम्मेदारी और आगे की कार्रवाई:
- सुरक्षा सुनिश्चित करना:
- पीड़ित परिवार और आसपास के लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस को विशेष प्रबंध करने होंगे।
- इलाके में पुलिस गश्त बढ़ानी होगी ताकि तनाव और हिंसा दोबारा न हो।
- गिरफ्तारी और न्याय:
- फरार आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की जानी चाहिए।
- मामले को फास्ट-ट्रैक अदालत में भेजा जाए ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके।
- समुदाय के बीच विश्वास बहाली:
- प्रशासन को दोनों समुदायों के बीच संवाद स्थापित करने और शांति बहाल करने के लिए पहल करनी होगी।
- इस घटना से प्रभावित लोगों को मुआवजा और राहत प्रदान की जानी चाहिए।
स्थिति का महत्व:
यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय है। धार्मिक संपत्ति के नाम पर इस प्रकार के विवादों और हिंसा को रोकने के लिए सख्त कानूनों का पालन आवश्यक है। प्रशासन की प्राथमिकता पीड़ितों को न्याय दिलाने और शांति बनाए रखने की होनी चाहिए।