बांग्लादेश में ISKCON संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट ने जमानत देने से भी मना कर दिया। बांग्लादेश ने इसके बाद बड़ी बेशर्मी से हिन्दू संत की गिरफ्तारी को सही ठहराने की भी कोशिश की। इसके अलावा बांग्लादेश के चटगाँव में हिन्दुओं को ढूँढ-ढूँढ कर उन्हें जिबाह करने के लिए इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ निकली और नारे लगाए। बांग्लादेश के किशोरगंज में भी 4 हिन्दुओं की लाशें मिली हैं। एक वकील की भी मौत हुई है। एक काली मंदिर पर हमला भी हुआ है।
बांग्लादेश में संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत न मिलने का मामला एक संवेदनशील विषय बन गया है, जो धार्मिक और राजनीतिक तनाव को उजागर करता है। यह घटना बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ते उत्पीड़न और कट्टरपंथ के माहौल की ओर इशारा करती है।
#BREAKING: Kali Mandir attacked at Hazari Goli in Chittagong Municipality of Bangladesh this evening. A few days ago, the Bangladesh Army had tortured Hindus in this Hazari Goli. This is a Hindu majority small area. Many Hindu boys were abducted and arrested. pic.twitter.com/IeCRGew1ed
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 26, 2024
मामले का मुख्य बिंदु:
- गिरफ्तारी और आरोप:
- संत चिन्मय कृष्ण दास पर बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने का देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।
- यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब उन्होंने इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू समुदाय के उत्पीड़न पर आवाज उठाई थी।
- जमानत का इनकार:
- चटगांव कोर्ट के जज काजी नजरुल इस्लाम ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
- मामले को लेकर कानूनी और सामाजिक स्तर पर गहरी असहमति दिख रही है।
- वकील की मौत:
- चटगांव में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान एक वकील की मौत हुई।
- यह वकील संत की जमानत का विरोध कर रहा था, और उसकी मृत्यु के बाद मामला और तनावपूर्ण हो गया।
संभावित राजनीतिक और सामाजिक पहलू:
- हिंदू अल्पसंख्यकों पर दबाव:
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लंबे समय से उत्पीड़न और भेदभाव का सामना कर रहा है।- संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
- सरकार की भूमिका:
विपक्ष और कुछ मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि युनुस सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में कार्य कर रही है। - आंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
भारत और अन्य देशों में हिंदू संगठनों ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है और बांग्लादेश सरकार से न्याय की मांग की है।
The powerful voice of Hindu Saint in Bangladesh Police Captivity. Muhammad Yunus digging his own grave by allowing state sponsorship of attacks against Hindu minorities.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 26, 2024
वकील को उसके चैम्बर से खींच कर मारा गया। इसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई। वकील की हत्या का आरोप कोर्ट में बवाल करने वाले इस्लामी कट्टरपंथियों पर लगा है। पुलिस भी इस मामले में कुछ नहीं बता पा रही है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के दौरान प्रदर्शन करने वाले हिन्दुओं को चटगाँव में पुलिस ने बेरहमी से मारा। उन पर लाठियाँ और गोलियाँ चलाई गईं। कई हिन्दू इस पुलिसिया कार्रवाई में घायल हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाए गए हैं। इसकी फोटो भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं।
हिन्दुओं को ढूँढ-ढूँढ कर मारने का ऐलान
बांग्लादेश के चटगाँव में ही हिन्दुओं को प्रताड़ित किए जाने के बाद उन्हें मारने के लिए भी इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक रैली निकाली और नारे लगाए। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में इस्लामी कट्टरपंथियों की एक भीड़ रोड पर जा रही है। इस वीडियो में वह बोलते हुए सुने जा सकते हैं, “एक-एक इस्कॉन (हिन्दू) वाले को ढूंढो, उनको जिबाह करो।”
Right now, Islamic mob in Chittagong, going towards Hindu settalments & chanting slogan: "Ekta Ekta
ISKCON-nite (Hindu) dhor, dhoira dhoira Jobai kor", which means " one by one catch ISKCON-nite/Hindus & after catching them, slaughter them."Very tense situation & very long… pic.twitter.com/kZKu3kNpSn
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) November 26, 2024
चटगाँव के ही हजारी गली में हिन्दुओं पर हमला हुआ। यहाँ स्थित काली मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई। इस गली में हिन्दू रहते हैं। यहाँ इससे पहले बांग्लादेश की सेना ने भी हिन्दुओं को प्राआदित किया था। इसका एक वीडियो भो सोशल मीडिया पर वायरल है।
किशोरगंज में 4 की हत्या
बांग्लादेश के किशोरगंज में भी 4 हिन्दुओं की लाशें मिली हैं। इनके नाम जॉनी बिस्वास, रूपा रानी बिस्वास, ध्रुब बिस्वास और कोथा रानी बिस्वास हैं। उनकी एक किराए के घर से लाशें बरामद की गई हैं। उनकी मौत कैसे हुई, यह स्पष्ट नहीं है। जॉनी की लाश लटकी हुई बरामद हुई जबकि बाकी तीनों का गला रेता हुआ था।
पुलिस ने शव बरामद करके पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। मौत का कारण साफ़ नहीं हुआ है। उनकी मौतें आत्महत्या थी या फिर किसी ने उनके मार कर इसे आत्महत्या की तरह दिखाया, इसकी पुलिस जाँच कर रही है। पुलिस ने कहा है कि वह पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ साफ़ बता सकेगी।
Bangladesh reacts to India statement on Chinmoy Krishna Das:
'Internal matter'
'Statement misrepresents facts'
'Statement stands contrary to the spirit of friendship'
'Country's judiciary full independent'
'committed to upholding communal harmony' https://t.co/BokvO9NBUo pic.twitter.com/0oOVamqHHy— Sidhant Sibal (@sidhant) November 26, 2024
भारत ने चिंता जताई, बांग्लादेश ने बेशर्मी दिखाई
भारत ने संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी और हिन्दुओं की प्रताड़ना को लेकर मंगलवार को लेकर चिंता जताई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि सरकार हिन्दुओं पर हमला करने वाले कट्टरपंथियों की बजाय संतों को पकड़ रही है। भारत ने हिन्दुओं की सुरक्षा की अपील युनुस सरकार से की थी।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इसके जवाब में इसे आंतरिक मामला बता दिया। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर भारत का बोलना सही नहीं है और यह तथियों को गलत तरीके से पेश करता है। युनुस सरकार ने इस बीच प्रताड़ना को सही ठहराने की कोशिश की।