उत्तराखंड के कालसी क्षेत्र में स्थित हरिपुर जमुना घाट को पुनः एक भव्य धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित करने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संकल्प एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में आ रही बाधाओं ने इस प्रयास की गति को धीमा कर दिया है।
मुख्य बाधाएँ और चुनौतियाँ:
- पानी मोड़ने की अनुमति में देरी:
- यमुना नदी का पानी निर्माण के लिए मोड़ने की अनुमति न मिलना प्रमुख कारण है।
- बरसात का मौसम समाप्त होने के बाद भी यह अनुमति लंबित है, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है।
- खनन कार्य में प्राथमिकता:
- क्षेत्र में खनन ठेकेदारों द्वारा सामान्य रूप से कार्य जारी है, लेकिन तीर्थ स्थल के निर्माण को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है।
- प्रशासनिक प्रक्रिया और अनुमति में असमानता भी एक बड़ा मुद्दा है।
- एमडीडीए की धीमी प्रगति:
- कार्यदायी संस्था एमडीडीए (मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण) के समन्वय और कार्यान्वयन की गति अपेक्षा के अनुरूप नहीं है।
हरिपुर जमुना घाट का ऐतिहासिक महत्व:
- धार्मिक संबंध:
- यह स्थल कृष्ण कालखंड से जुड़ा है, और इसे एक प्राचीन तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- सदियों पुराना अश्वमेध यज्ञ स्थल भी यहाँ स्थित है, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की देखरेख में है।
- ऐतिहासिक धरोहर:
- सम्राट अशोक द्वारा स्थापित शिलालेख इस स्थल को ऐतिहासिक महत्व प्रदान करते हैं।
- गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा युद्ध प्रशिक्षण दिए जाने के प्रमाण इसे सिख इतिहास से जोड़ते हैं।
- भौगोलिक महत्व:
- यमुना नदी के किनारे स्थित यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर का संगम है।
क्या होना चाहिए:
- पानी मोड़ने की अनुमति पर प्राथमिकता:
- प्रशासन को यमुना नदी का पानी मोड़ने की अनुमति में तेजी लानी चाहिए, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके।
- प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग:
- एमडीडीए को एक स्पष्ट समयसीमा के साथ कार्य पूरा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
- प्रोजेक्ट की नियमित निगरानी के लिए उच्च-स्तरीय समिति बनाई जा सकती है।
- धार्मिक और सांस्कृतिक प्रचार:
- इस स्थल को एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार को व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
- स्थानीय समुदाय की भागीदारी:
- स्थानीय लोगों को इस परियोजना में भागीदार बनाना आवश्यक है, ताकि सामाजिक और आर्थिक विकास में उनकी भी भूमिका हो।
सीएम पुष्कर धामी का बयान
हमारी सरकार हरिपुर जमुना घाट को एक धाम के रूप में विकसित किए जाने के लिए वचनबद्ध है, ये हमारी घोषणा सूची में दर्ज है, घाटवक काम शीघ्र पूरा हो इसके लिए जल्द ही हम समीक्षा बैठक करेंगे।