इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में एक अहम फैसला सुनाते हुए शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से मुकदमा संख्या-3 में पक्षकार बनने के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। इस मुकदमे में हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मथुरा के कटरा केशवदेव में स्थित वर्तमान शाही ईदगाह मस्जिद को मुगल शासक औरंगजेब ने 1670 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ध्वस्त कर बनवाया था।
मुकदमे का आधार और हिंदू पक्ष का दावा:
- मुगल आक्रमण का आरोप:
- हिंदू पक्ष का कहना है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को तोड़कर उसकी जगह मस्जिद का निर्माण करवाया।
- मंदिर में स्थित बहुमूल्य आभूषण और मूर्तियों को लूट लिया गया। श्रीकृष्ण की मूर्ति को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया गया।
- एएसआई और ऐतिहासिक साक्ष्य:
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मथुरा की ऐतिहासिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि के तोड़े जाने की पुष्टि की है। एक आरटीआई में यह खुलासा हुआ कि अंग्रेजी गजट (1920) में भी इस बात का उल्लेख है कि मस्जिद की जगह पहले श्रीकृष्ण मंदिर था।
- पुनर्स्थापना की माँग:
- हिंदू पक्ष ने मस्जिद को हटाकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की पुनर्स्थापना की माँग की है।
ईदगाह मस्जिद पक्ष का तर्क:
- आवेदन:
- मस्जिद पक्ष ने हाई कोर्ट में पक्षकार बनने का आवेदन करते हुए कहा कि वह इस मामले में एक आवश्यक पक्ष है।
- दावे का खंडन:
- मस्जिद के सचिव ने कहा कि हिंदू पक्ष के दावे निराधार हैं और मस्जिद के नीचे किसी भी प्रकार की मूर्ति या कीमती वस्तु दबी हुई नहीं है।
- हितों की सुरक्षा:
- मस्जिद पक्ष ने कहा कि अगर उन्हें पक्षकार नहीं बनाया जाता तो उनके हित प्रभावित होंगे।
हाई कोर्ट का फैसला:
जस्टिस राममनोहर नारायण मिश्रा ने मस्जिद पक्ष के आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा:
- शाही ईदगाह मस्जिद पहले से ही अन्य मुकदमों में प्रतिवादी है और प्रभावी ढंग से अपनी बात रख रही है।
- इस मुकदमे में भी मस्जिद को पक्षकार बनने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मामले की पृष्ठभूमि:
- केशवदेव मंदिर का इतिहास:
- केशवदेव मंदिर को श्रीकृष्ण के प्रपौत्र व्रज और व्रजनाभ ने राजा परीक्षित के सहयोग से बनवाया था।
- समय-समय पर इसका जीर्णोद्धार विभिन्न राजाओं द्वारा कराया गया।
- औरंगजेब का हस्तक्षेप:
- 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर वहां शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया।
हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल आक्रांता औरंगजेब ने 1670 में फरमान जारी करके मथुरा में भगवा केशवदेव के मंदिर को तोड़ने के लिए फरमान जारी किया था। इसके बाद वहाँ शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई। इस मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए औरंगजेब खुद भी आया था। इसका जिक्र कई अंग्रेज इतिहासकारों ने भी किया है।
मथुरा का यह विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थानभूमि के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि ढाई एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष इस पूरी जमीन पर अपना दावा करता है। हिंदू पक्ष ईदगाह ढाँचे को हटाकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर बनाने की भी माँग करता है।