भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। इंटरपोल चैनलों के माध्यम से लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकी सलमान रहमान खान को रवांडा से भारत लाया गया है। यह कार्रवाई सीबीआई (CBI) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई। सलमान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, जिसके आधार पर उसे ट्रैक किया गया और हिरासत में लिया गया।
सलमान रहमान खान पर आरोप:
- आतंकी साजिश:
- सलमान पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य होने और आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने का आरोप है।
- हथियार और विस्फोटक:
- उस पर आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत गैरकानूनी हथियारों और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा:
- सलमान का नाम उन आतंकियों की सूची में शामिल है, जो भारत में आतंकी हमले की योजना में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
एनआईए की कार्रवाई:
- 2023 में केस दर्ज:
- एनआईए ने सलमान के खिलाफ आतंकवाद निरोधक अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
- रेड कॉर्नर नोटिस:
- इंटरपोल ने भारत के अनुरोध पर सलमान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिससे उसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने पर निगरानी रखी जा सके।
भारत लाने की प्रक्रिया:
- रवांडा में गिरफ्तारी:
- इंटरपोल और भारतीय एजेंसियों के समन्वय से सलमान को रवांडा में हिरासत में लिया गया।
- भारत लाना:
- सीबीआई और एनआईए की टीम ने सलमान को भारतीय एजेंसियों की कस्टडी में लाने की प्रक्रिया पूरी की।
इस सफलता का महत्व:
- आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश:
- यह कार्रवाई भारत की आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाती है।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
- यह मामला इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भारत के बढ़ते समन्वय का उदाहरण है।
- भविष्य की कार्रवाई:
- सलमान से पूछताछ के जरिए अन्य आतंकी नेटवर्क्स, योजनाओं और सहयोगियों के बारे में जानकारी मिलने की संभावना है, जिससे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जा सकेगा।
विस्फोटक और हथियार उपलब्ध कराने में की मदद
लश्कर ए तैयबा (एलईटी) का सदस्य होने के नाते उसने बेंगलुरु शहर में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक उपलब्ध कराने में मदद की थी. बेंगलुरु शहर के हेब्बल पुलिस स्टेशन में इसे लेकर 2023 में एक केस दर्ज किया गया था. एनआईए के अनुरोध पर सीबीआई ने 2 अगस्त 2024 को इंटरपोल से उसके के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था और वांटेड सलमान पर नज़र रखने के लिए सभी देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसकी जानकारी दी गई थी. बाद में इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो – किगाली की मदद से सलमान को रवांडा में लोकेट किया गया.
इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी
एनआईए की एक टीम द्वारा 28 नवंबर 2024 को भारत लेकर आ गई. हाल ही में सीबीआई द्वारा वांटेड बरकत अली खान को इंटरपोल चैनलों के जरिए से सऊदी अरब में लोकेट किया गया था और 14 नवंबर 2024 को सऊदी अरब से सीबीआई टीम द्वारा उसे वापस लाया गया था. वह दंगे और विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल के अपराध में 2012 से वांटेड था. उसके खिलाफ सीबीआई ने 6 दिसम्बर 2022 को इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था.
रेहान की वापसी को भी कॉर्डिनेट किया
सीबीआई ने रेहान अरबिककलालारिक्कल की वापसी को भी कॉर्डिनेट किया था, उसके खिलाफ मन्नारकड़ पुलिस स्टेशन, पट्टांबी, केरल में एक नाबालिग के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने का मामला 2022 में दर्ज हुआ था. केरल पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने 27-12- 2023 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया. इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो – रियाद की सहायता से उसे सऊदी अरब में लोकेट किया गया था. बाद में, केरल पुलिस की एक सुरक्षा टीम ने सऊदी अरब गई और 10-11-2024 उसे लेकर वापस लौट आई.
भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई इंटरपोल चैनलों पर सहयोग के लिए भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के साथ निकटता से समन्वय करती है. साल 2021 के बाद से अब लगभग 100 वांछित अपराधियों जिसमें इस साल 26 को इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय के माध्यम से भारत लौटाया गया है.