सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) के प्रावधान 2 दिसंबर (सोमवार) तक लागू रहेंगे। हालांकि, स्कूलों को इससे छूट दी गई है, और उन्हें बंद करने की आवश्यकता नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश:
- GRAP-IV के उपाय जारी रहेंगे:
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को एक विशेष बैठक बुलाकर समीक्षा करने और यह सुझाव देने के लिए कहा गया है कि GRAP-IV से GRAP-III या GRAP-II में कब बदलाव किया जा सकता है।
- सोमवार तक GRAP-IV के तहत कड़े उपाय लागू रहेंगे, जैसे निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, निजी वाहनों के उपयोग में कटौती, और औद्योगिक प्रदूषण को रोकने के उपाय।
- किसानों से संबंधित निर्देश:
- कोर्ट ने किसानों को शाम 4 बजे के बाद पराली जलाने की सलाह देने की शिकायत को गंभीरता से लिया।
- संबंधित राज्यों (हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली) को आदेश दिया गया है कि उनके अधिकारी इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना गतिविधियों से बचें।
- स्कूलों को छूट:
- सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्कूलों को GRAP-IV के तहत बंद करने की आवश्यकता नहीं है।
- छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अन्य उपायों को प्राथमिकता दी जाए।
CAQM की भूमिका:
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखने और प्रदूषण स्तर के आधार पर GRAP प्रोटोकॉल में संशोधन का सुझाव देने का निर्देश दिया गया है।
कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश
CAQM ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली में ग्रैप-IV लागू होने के बाद ट्रकों की एंट्री को लेकर CAQM ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर, स्पेशल कमिश्नर ट्रैफिक, एडिशनल चीफ सेक्रेट्री, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, कमिश्नर एमसीडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि कार्रवाई मे तेजी लाएं।
दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में
दिल्ली में गुरुवार सुबह प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ गया और वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 313 दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को सुबह नौ बजे यह 301 था। राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई रही। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता आंकड़ा दर्ज करने वाले 38 निगरानी केंद्रों में से किसी ने भी एक्यूआई का स्तर गंभीर श्रेणी में नहीं बताया।
किस आधार पर लागू होते हैं ग्रैप के चरण
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति के आधार पर ग्रैप के अलग-अलग चरण लागू किए जाते हैं। AQI का स्तर 200 के पार जाने पर ग्रैप का पहला चरण लागू होता है। वहीं, इसके 300 के पार जाने पर दूसरा और 400 के पार जाने पर तीसरा चरण लागू होता है। AQI 450 के पार जाने पर ग्रैप का चौथा चरण लागू हो जाता है। ग्रैप के हर चरण के साथ प्रतिबंध बढ़ते जाते हैं। मौजूदा समय में दिल्ली का एक्यूआई 300 के करीब है। ऐसे में ग्रैप का दूसरा या तीसरा चरण लागू करने पर विचार हो रहा है