संभल में हुई हिंसा के बाद 29 नवंबर को पहले जुमे के दिन पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि हालात को नियंत्रित रखा जा सके और शांति बनी रहे।
सुरक्षा के प्रमुख उपाय:
- त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था:
- 15 कंपनियाँ पीएसी (पुलिस अर्धसैनिक बल) और 2 कंपनियाँ आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) की तैनाती की गई है।
- 10 जिलों की पुलिस बल भी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात है।
- महिला पुलिस बल और दंगा निरोधी दस्ते भी सक्रिय हैं।
- ड्रोन से निगरानी:
- संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
- जामा मस्जिद और अन्य मस्जिदों की सुरक्षा:
- जामा मस्जिद में प्रवेश से पहले कड़ी सुरक्षा जांच की जा रही है।
- नमाज के लिए स्थानीय लोगों को अपने घरों के पास नमाज पढ़ने की सलाह दी गई है।
- मजिस्ट्रेट की तैनाती:
- स्थिति पर नजर रखने के लिए 70 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है।
- मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार और जिला मजिस्ट्रेट स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
- सोशल मीडिया पर निगरानी:
- किसी भी प्रकार की भड़काऊ पोस्ट या भाषण से माहौल न बिगड़े, इसके लिए प्रशासन ने सख्त नजर रखी है।
- धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
स्थानीयों का प्रशासन को सहयोग:
- स्थानीय निवासियों ने प्रशासन को आश्वस्त किया है कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखने में मदद करेंगे।
प्रशासन की अपील:
- मौलानाओं और धार्मिक नेताओं से बार-बार अपील की जा रही है कि वे लोगों को शांति बनाए रखने और किसी भी भड़काऊ गतिविधि से बचने के लिए प्रेरित करें।
महत्व:
- हिंसा के बाद पहले जुमे पर यह सतर्कता प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
- त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था और सभी पक्षों से संवाद से प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
संभल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्रशासन की सक्रियता और स्थानीय लोगों का सहयोग शांति और सौहार्द बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है।
#WATCH | Drone visuals from the area in #Sambhal, where #ShahiJamaMasjid is located.
Police are deployed in the area following the stone pelting incident on November 24.
(📹: ANI) pic.twitter.com/ETSJCx9mon
— Hindustan Times (@htTweets) November 29, 2024
मस्जिद प्रबंधन समिति ने यह सुनिश्चित किया है कि नमाज के दौरान कोई भी अव्यवस्था न हो। सुरक्षा लिहाज से, जामा मस्जिद क्षेत्र में 20 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ ही, ड्रोन कैमरों का उपयोग करके पूरे इलाके की निगरानी की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई अप्रिय घटना न हो, पुलिसकर्मी छतों पर भी तैनात रहेंगे।
गौरतलब है कि संभल में 24 नवंबर हिंसा हुई थी, उस समय मुस्लिम भीड़ ने मस्जिद के पास इकट्ठा होकर सर्वे करने गई टीम पर हमला किया था जिसके बाद पुलिस को आँसू गैस छोड़ने पड़े थे और गोली चलानी पड़ी थी। झड़प में पाँच लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल भी हुए थे। पुलिस ने बताया कि इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएँ भी हुईं, जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।