प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक भूमिका लगातार मजबूत होती जा रही है, और इसका प्रमाण है भारत का 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (Peacebuilding Commission, PBC) के सदस्य के रूप में फिर से चुना जाना। यह उपलब्धि न केवल भारत के शांति प्रयासों को मान्यता देती है, बल्कि दुनिया में भारत की बढ़ती सॉफ्ट पावर और कूटनीतिक प्रभाव का भी संकेत है।
भारत का शांति स्थापना में योगदान:
- संस्थापक सदस्य: भारत पीबीसी के प्रारंभ से ही इसका हिस्सा रहा है और शांति स्थापना के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाता आया है।
- प्रमुख योगदानकर्ता:
- भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सबसे अधिक सैनिक और पुलिस बल भेजने वाले देशों में से एक है।
- भारत ने 70 से अधिक शांति अभियानों में 2,75,000 से अधिक सैनिकों को भेजा है, जो विश्व में सबसे बड़ा योगदान है।
- वैश्विक स्थिरता: भारत की भूमिका न केवल संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में शांति लाने की है, बल्कि स्थायी विकास, संवाद और स्थानीय क्षमता निर्माण को भी बढ़ावा देने की है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रभाव:
- भारत पीबीसी के 31 सदस्यीय समूह में लगातार अपनी सक्रिय भागीदारी और योगदान देता आ रहा है।
- यह चयन भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक नेतृत्व की स्वीकृति है।
- भारत का यह नया कार्यकाल 1 जनवरी 2025 से शुरू होगा, और इस दौरान भारत वैश्विक मंच पर शांति और स्थिरता के लिए अपने प्रयासों को और मजबूत करेगा।
क्यों है यह उपलब्धि महत्वपूर्ण?
- वैश्विक मान्यता: भारत के शांति अभियानों और स्थायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
- अंतरराष्ट्रीय कूटनीति: यह भारत की मजबूत कूटनीति और वैश्विक साझेदारी को दर्शाता है, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में फल-फूल रही है।
- शांति और सुरक्षा: पीबीसी के जरिए भारत संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग (PBC):
- यह संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण निकाय है, जिसकी स्थापना 2005 में हुई थी।
- इसका उद्देश्य संघर्ष के बाद के पुनर्निर्माण और शांति बनाए रखने के लिए देशों की मदद करना है।
- पीबीसी के सदस्य देश महासभा, सुरक्षा परिषद, और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद से चुने जाते हैं।
भारत की प्रतिबद्धता:
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने स्पष्ट किया है कि भारत वैश्विक शांति और स्थिरता की दिशा में पीबीसी के साथ अपनी भागीदारी जारी रखेगा। यह भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को और सशक्त बनाएगा और विश्व स्तर पर भारत की भूमिका को और प्रभावी बनाएगा।
भारत का सबसे बड़ा योगदान
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में वर्दीधारी कर्मियों के रूप में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। संयुक्त राष्ट्र के अभियानों के तहत वर्तमान में भारत के लगभग 6,000 सैन्य और पुलिसकर्मी अबेई, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, लेबनान, पश्चिम एशिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा में तैनात हैं। शांति अभियानों में लगभग 180 भारतीय शांति सैनिकों ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है, जो योगदानकर्ता के रूप में किसी अन्य देश के मुकाबले अब तक की सबसे अधिक संख्या है।