वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आ गए हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी तिमाही में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ घटकर 5.4% रह गई। बताते चलें कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 8.1 प्रतिशत रही थी। इतना ही नहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश का जीडीपी 6.7 प्रतिशत रहा था। बताते चलें कि आर्थिक दिग्गजों ने पहले ही देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती का अनुमान लगा लिया था। उन्होंने कमजोर खपत, कम सरकारी खर्च और प्रमुख इंडस्ट्री पर प्रतिकूल मौसम के प्रभाव को जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती का जिम्मेदार ठहराया था। देश के अर्थशास्त्रियों के एक सर्वे में जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान लगाया गया था, जबकि रॉयटर्स पोल ने इसी तरह का अनुमान लगाया था, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 7% के अनुमान से कम था।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ रेट में जबरदस्त गिरावट
इकोनॉमिक एक्टिविटी का एक मुख्य माप, रियल ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (GVA), वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 5.6% की रफ्तार से बढ़ा, जो पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही के 7.7% से काफी कम है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 2.2% का बेहद धीमा ग्रोथ दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल की दूसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने 14.3 प्रतिशत की रफ्तार से ग्रो किया था। माइनिंग सेक्टर का ग्रोथ भी पिछले साल की दूसरी तिमाही के 11.1 प्रतिशत के मुकाबले घटकर -0.1% पर आ गया।
Real GDP has been estimated to grow by 5.4% in Q2 of FY 2024-25 over the growth rate of 8.1% in Q2 of FY 2023-24. Despite sluggish growth observed in Manufacturing (2.2%) and Mining & Quarrying (-0.1%) sectors in Q2 of FY 2024-25, real GVA in H1 (April-September) has recorded a…
— ANI (@ANI) November 29, 2024
कृषि और सेवाओं से जुड़े सेक्टर से आए बेहतर परिणाम
इसके अलावा, कृषि और इससे जुड़े सेक्टरों ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 3.5% की ग्रोथ रेट दर दर्ज करते वापसी की है, जबकि पिछली चार तिमाहियों के दौरान इसमें 0.4% से 2.0% तक की ग्रोथ दर्ज की गई थी। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में, स्टील की निरंतर घरेलू खपत के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में ये 7.7% रही। सेवाओं से जुड़े सेक्टर में वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के दौरान 7.1% की ग्रोथ रेट देखी गई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ये 6.0% थी।
India's Q2 GDP slows to 5.4%, sharply lower than Reserve Bank estimates of 7%
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— ANI Digital (@ani_digital) November 29, 2024
कैसे रहे राजकोषीय घाटे के आंकड़े
केंद्र का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में पूरे साल के लक्ष्य के 46.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर 2024 की अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा 7,50,824 करोड़ रुपये था। सरकार के व्यय और राजस्व के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं। वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 45 प्रतिशत था।