प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित किया, जो भारत की न्यायिक प्रणाली में बड़े बदलाव लाने वाले हैं। इन कानूनों में शामिल हैं:
- भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) – यह कानून भारतीय दंड संहिता (IPC) का स्थान लेता है और अपराधों की परिभाषा, सजा, और प्रक्रियाओं में सुधार के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) – यह कानून दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) को प्रतिस्थापित करता है और कानूनी प्रक्रिया को तेज और नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाने का प्रयास करता है।
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam) – यह कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेता है और डिजिटल और समकालीन साक्ष्य के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह कदम देश को अधिक न्यायसंगत, पारदर्शी, और आधुनिक कानूनी प्रणाली की ओर ले जाएगा। उन्होंने इसे संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाए जाने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
यह पहल सरकार के “न्याय में समानता” के विजन को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। ये कानून न केवल कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाएंगे बल्कि पुलिस और न्यायालयों के कामकाज को भी अधिक प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा पोस्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “हर भारतीय के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने और साथ ही औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पाने के हमारे प्रयासों में यह एक खास दिन है। आज दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों, अर्थात् भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को चिह्नित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह बेहद खुशी की बात है कि ये कानून ऐसे समय में अस्तित्व में आ रहे हैं जब हम संविधान सभा द्वारा अपनाए गए हमारे संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।”
A special day in our efforts to ensure speedy justice for every Indian and, at the same time, break free from colonial mindsets.
At 12 noon today, will join the programme in Chandigarh to mark the successful implementation of the three new criminal laws, namely the Bharatiya…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2024
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, तीनों कानूनों का कंसेप्ट प्रधानमंत्री के विशन से प्रेरित थी, जो कोलोनियल युग के कानूनों को हटाना था, जो स्वतंत्रता के बाद भी अस्तित्व में रहे थे, और दंड से न्याय पर ध्यान केंद्रित करके न्यायिक प्रणाली को बदलना था। इसे ध्यान में रखते हुए, इस कार्यक्रम का विषय “सुरक्षित समाज, विकसित भारत- दंड से न्याय तक” है।