संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा और उसके बाद की जाँच में विदेशी कारतूसों की बरामदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया है। पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूसों का मिलना यह संकेत देता है कि इस हिंसा में विदेशी कनेक्शन और फंडिंग का एंगल हो सकता है।
मामले का विवरण:
- कारतूसों की बरामदगी:
- कुल 6 कारतूस मिले हैं।
- इनमें से 5 इस्तेमाल किए जा चुके थे, जबकि एक फायर नहीं हुआ था।
- इनमें से एक पर ‘POF’ (Pakistan Ordnance Factory), दूसरे पर ‘Made in USA’, और तीसरे पर ‘FN-STAR’ लिखा हुआ था।
- अन्य कारतूस 12 बोर और .32 कैलिबर के हैं, जिन्हें पुलिस इस्तेमाल नहीं करती।
- विदेशी कनेक्शन की आशंका:
- POF का मतलब पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री है, जो पाकिस्तान की सरकारी आयुध निर्माण इकाई है।
- विदेशी कारतूसों की उपस्थिति हिंसा में विदेशी हथियारों और फंडिंग की संभावनाओं को उजागर करती है।
- पुलिस ने विदेशी कनेक्शन की जाँच के लिए अन्य एजेंसियों, संभवतः NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी), की मदद लेने की बात कही है।
- सबूत नष्ट करने के प्रयास:
- हिंसा के दौरान इलाके के कई CCTV कैमरों और DVR को तोड़ दिया गया है।
- पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने बची हुई फुटेज से सबूत जुटाने का प्रयास शुरू कर दिया है।
#WATCH | Uttar Pradesh Police and forensic experts per today conducted an investigation in the violence-hit area and found six empty cartridges, in Sambhal pic.twitter.com/9Q7lm5mPbT
— ANI (@ANI) December 3, 2024
जाँच का दायरा:
- NIA की संभावित भूमिका:
मामले की गंभीरता को देखते हुए NIA को शामिल किया जा सकता है, खासकर विदेशी कनेक्शन और फंडिंग के दृष्टिकोण से। - फॉरेंसिक जांच:
बरामद कारतूसों की गहराई से जाँच की जाएगी, ताकि उनकी उत्पत्ति और उपयोगकर्ता की पहचान हो सके। - स्थानीय संदिग्ध गतिविधियाँ:
इलाके में संदिग्ध गतिविधियों और हथियारों के स्रोत की तलाश तेज होगी।
समाज और सुरक्षा पर प्रभाव:
- यह मामला न केवल स्थानीय कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर चेतावनी है।
- अगर विदेशी हथियार और फंडिंग की पुष्टि होती है, तो यह आतंकवाद और उपद्रव फैलाने वाले संगठनों की सक्रियता का संकेत हो सकता है।
पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए यह जरूरी होगा कि मामले की हर पहलू से गहराई से जांच की जाए और हिंसा के दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
NIA की मदद भी इस मामले में विदेशी लिंक खोजने के लिए ली जा सकती है। कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया है कि विदेशी खोखों की जाँच करने के लिए उन्हें फॉरेंसिक एजेंसी के पास भेजा जाएगा और मामले में बैलिस्टिक एक्सपर्ट की राय माँगी जाएगी।
गौरतलब है कि 19 नवम्बर, 2024 को संभल में कोर्ट जिला अदालत ने जामा मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था। यह आदेश हिन्दू पक्ष की याचिका के बाद दिया गया था। हिन्दू पक्ष ने कहा था कि जहाँ आज जामा मस्जिद है, वहाँ पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था, जिसे मुग़ल आक्रान्ताओं ने तोड़ दिया था।
19 नवम्बर को यह सर्वे पूरा नहीं हो पाया था, इसमें मुस्लिम भीड़ ने व्यवधान डाल दिया था। इसके बाद 24 नवम्बर को सर्वे के लिए टीम दोबारा पहुँची थी। इसी दौरान जामा मस्जिद के आसपास इलाकों में इकट्ठा हुई मुस्लिम भीड़ ने हिंसा चालू कर दी। इसमें कई पुलिस वाले घायल हुए और एक पुलिस अफसर अनुज चौधरी के गोली भी लगी।
हिंसा के दौरान हुई फायरिंग में 5 मुस्लिम मारे गए। शुरूआती जाँच में बताया गया है कि उसकी फायरिंग में कोई मौत नहीं हुई बल्कि यह आपसी लड़ाई का मसला हो सकता है। इस हिंसा की जाँच 2 SIT टीम कर रही हैं। पूरी घटना की जाँच के लिए एक न्यायिक आयोग भी गठित किया गया है।