उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया कि हिंसा और उपद्रव में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से इसकी भरपाई की जाए।
योगी आदित्यनाथ की यह सख्ती उनकी “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाती है, जिसमें कानून-व्यवस्था को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कानून का पालन सख्ती से कराया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उन उपद्रवियों से ही वसूली की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है, जिन्होंने हिंसा में भाग लिया।
इस घटना से राज्य सरकार का यह संदेश स्पष्ट है कि किसी भी प्रकार की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, इस कार्रवाई का उद्देश्य भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश देना है।
अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती
कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि अराजकता फैलाने वालों को चिह्नित कर उनके पोस्टर लगाए जाएं और एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए।
संभल में विगत दिनों हुई घटना से जुड़े उपद्रवियों के साथ पूरी कठोरता के साथ निपटें।
जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया है, उसे वापस ठीक कराने का खर्च उन्हीं उपद्रवियों से वसूला जाए।
अराजकता फैलाने वालों को चिह्नित कर उनके पोस्टर लगाएं, जनता का सहयोग लें, सघन सर्च…
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) December 4, 2024
सीएम योगी की सख्ती के बाद प्रशासन ने एक्शन तेज कर दिए हैं। अबतक संभल हिंसा के 34 आरोपियों को अरेस्ट किया जा चुका है वहीं 400 उपद्रवियों की पहचान की जा चुकी है जिनको पकड़ने के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है। अब सीएम योगी के आदेश के बाद संभल में एक्शन और तेज होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतिक्रमण, राजस्व विवाद, और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं होगा। सड़कें और सार्वजनिक स्थान सभी नागरिकों के लिए हैं और इनका उपयोग निर्माण सामग्री रखने, निजी वाहन पार्किंग, या अन्य निजी कार्यों के लिए नहीं होने दिया जाएगा।
राजस्व विवादों और जनसुनवाई पर जोर
योगी आदित्यनाथ ने जनता से जुड़े मामलों के समाधान को प्राथमिकता देते हुए कहा:
- सम्पूर्ण समाधान दिवस और थाना दिवस जैसे कार्यक्रमों में आने वाले मामलों को गंभीरता से निपटाया जाए।
- ‘आईजीआरएस’ और ‘सीएम हेल्पलाइन’ पर जनता की शिकायतों के आधार पर असंतोषजनक प्रदर्शन वाले विभागों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, तहसीलों, और थानों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
- गरीबों के साथ न्याय सुनिश्चित करने और जनसुनवाई को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों को जनता से समय पर मिलने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
महापरिनिर्वाण दिवस के लिए विशेष सतर्कता
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर) को लेकर योगी आदित्यनाथ ने विशेष सुरक्षा प्रबंध करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि:
- इस दिन कई संगठनों द्वारा सभाएं और जुलूस आयोजित किए जाएंगे।
- कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए।
- कुछ अराजक तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
योगी सरकार की नीति
इन निर्देशों से साफ है कि योगी सरकार अराजकता, प्रशासनिक लापरवाही, और सार्वजनिक स्थलों के दुरुपयोग के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। साथ ही, गरीबों और आम जनता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को जवाबदेह बनाया जा रहा है।