भारत और कुवैत के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याहया के बीच नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान “ज्वाइंट कमिशन फॉर कॉपरेशन (JCC)” की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह आयोग दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए एक संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करेगा।
बैठक के प्रमुख बिंदु
- व्यापार और निवेश:
- दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने पर चर्चा की।
- कुवैत भारतीय बाजार में और अधिक निवेश करने के लिए तैयार है, जबकि भारत ने कुवैत के इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।
- ऊर्जा सहयोग:
- कुवैत, जो भारत के लिए एक प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- भारत ने ऊर्जा के वैकल्पिक और हरित स्रोतों के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की पेशकश की।
- सूचना प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक संबंध:
- दोनों देशों ने आईटी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और कौशल विकास में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान के जरिए जनता के बीच संपर्क (People-to-People Connectivity) को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई।
- क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे:
- पश्चिम एशिया की स्थिति सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
- दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी समर्थन बढ़ाने का संकल्प लिया।
ज्वाइंट कमिशन फॉर कॉपरेशन (JCC)
- यह आयोग भारत और कुवैत के बीच सहयोग के विभिन्न पहलुओं की निगरानी और उन्हें सुदृढ़ करेगा।
- JCC के तहत व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रक्षा सहित कई क्षेत्रों में कार्य समूह बनाए जाएंगे।
भारत-कुवैत के रिश्ते का महत्व
- कुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था और समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- कुवैत भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है।
- दोनों देशों के बीच 2022-23 में 14.1 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ, जिसे JCC के माध्यम से और बढ़ाने की योजना है।
यह समझौता न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि भारत की “एक्ट वेस्ट पॉलिसी” के तहत खाड़ी देशों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने के प्रयासों को भी गति देगा।
भारत और कुवैत में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
संयुक्त सहयोग आयोग द्विपक्षीय संबंधों के समग्र आयाम की व्यापक समीक्षा और निगरानी के लिए एक व्यापक तंत्र के रूप में कार्य करेगा. जेसीसी हाइड्रोकार्बन, स्वास्थ्य और वाणिज्य दूतावास संबंधी मामलों जैसे क्षेत्रों में मौजूदा कार्य समूहों की देखरेख भी करेगी. विदेश मंत्री के रूप में अब्दुल्ला अली अल याहया का यह पहला भारत दौरा था.
याहया ने PM मोदी को बताया सबसे बुद्धिमान इंसान
अपने इस दौरे के दौरान याहया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भारतीय नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कुवैती नेतृत्व की सराहना की. दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने में विश्वास जताया. याहया ने पीएम मोदी को दुनिया भर के सबसे बुद्धिमान लोगों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भारत को बेहतर स्तर पर पहुंचाया और मुझे यकीन है कि वह इसे जारी रखेंगे.