मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान ऐतिहासिक और समकालीन घटनाओं को जोड़ते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं पर आधारित है। उन्होंने संभल और बांग्लादेश में हालिया घटनाओं को बाबर के समय की घटनाओं से जोड़ा और इसे “डीएनए” के समान बताया, जिससे उनका इशारा सांप्रदायिक कट्टरपंथ के खिलाफ चेतावनी देना और सामाजिक एकता बनाए रखने का आग्रह करना था।
मुख्य बिंदु:
- इतिहास और वर्तमान का संदर्भ:
- योगी आदित्यनाथ ने 500 साल पहले बाबर और उसके सेनापतियों द्वारा भारत में धार्मिक स्थलों पर किए गए हमलों को याद करते हुए कहा कि वर्तमान में बांग्लादेश और संभल की घटनाओं में भी वही मानसिकता झलकती है।
- उनका बयान भारत की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक ताने-बाने को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
- समाज में “तत्वों” पर निशाना:
- सीएम ने कहा कि ऐसे तत्व हैं जो समाज को विभाजित करना चाहते हैं और भारत के अंदर भी ऐसी प्रवृत्तियां सक्रिय हैं।
- उन्होंने लोगों को आगाह किया कि जो ऐसे विचारधारा का समर्थन करते हैं, वे संकट के समय देश छोड़कर भाग सकते हैं और समाज को संकट में डाल सकते हैं।
- सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना का आह्वान:
- योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम और अयोध्या से जुड़े कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने का प्रयास किया।
- उन्होंने भारत की प्राचीन परंपरा और विरासत की रक्षा के लिए एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया।
संभल की घटना का संदर्भ:
संभल में हाल ही में हुई हिंसा ने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया। मुख्यमंत्री ने इस घटना को बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों से जोड़ा। यह बयान हिंसा और कट्टरपंथ के खिलाफ उनकी सरकार की सख्त नीति को प्रदर्शित करता है।
प्रभाव और उद्देश्य:
मुख्यमंत्री के बयान का उद्देश्य:
- समाज को सचेत करना:
- सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाले तत्वों के खिलाफ।
- धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा:
- यह संदेश दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
- सांस्कृतिक एकता:
- उन्होंने सामाजिक समरसता और एकता बनाए रखने का आह्वान किया।
विपक्ष और सामाजिक प्रतिक्रिया:
- समर्थन:
- योगी आदित्यनाथ के समर्थक इसे सांस्कृतिक चेतना बढ़ाने और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत मानते हैं।
- आलोचना:
- विपक्षी दल इसे सांप्रदायिक बयान के रूप में देख सकते हैं और सरकार पर समाज में ध्रुवीकरण करने का आरोप लगा सकते हैं।
#WATCH | Ayodhya | At the inauguration of Ramayan Mela at Ram Katha Park, CM Yogi Adityanath says, "Remember what Babur's man did in Ayodhya Kumbh 500 years ago. The same thing happened in Sambhal, and the same is happening in Bangladesh. The nature of the three and their DNA is… pic.twitter.com/KpBmWoGlDJ
— ANI (@ANI) December 5, 2024
सीएम ने किया राम मनोहर लोहिया का जिक्र
सीएम ने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था- जब तक भारत की आस्था तीन आराध्य देवों प्रभु श्री राम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव के प्रति बनी रहेगी, तब तक भारत का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाएगा. ये समाजवादी, लोहिया जी के नाम पर तो राजनीति करेंगे, लेकिन लोहिया जी के एक भी आदर्श को अपने जीवन में अंगीकार नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो राम का नहीं, वह हमारे किसी काम का नहीं है.
सीएम ने अयोध्या में कहा कि हमने प्रभु श्री राम को अपना आदर्श माना है, अगर कुछ भी प्रेरणा हम प्रभु के उच्च आदर्शों से ले सकें तो हमारा जन्म और जीवन दोनों धन्य हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जिसके मन में भगवान राम एवं मां जानकी के प्रति श्रद्धा व समर्पण का भाव नहीं है, वह कितना भी प्रिय क्यों न हो उसको एक कट्टर दुश्मन की तरह त्याग देना चाहिए.