दिल्ली-NCR में लागू ग्रैप-4 को अब हटा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद ग्रैप-4 हटाने का आदेश जारी किया है. CAQM की ओर ASG भाटी ने कहा कि AQI नीचे जा रहा है. लेकिन ये मौसम पर निर्भर करता है. 29 नवंबर से डाउनग्रेड हो रहा है. बता दें कि पिछले एक महीने से शहर में लगातार वायु प्रदूषण का सामना करने के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में आज सुधार हुआ और AQI 161 पर ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंकड़ों पर विचार करते हुए, हमें नहीं लगता कि इस स्तर पर आयोग को ग्रैप 2 से नीचे जाने की अनुमति देना उचित होगा. अदालत द्वारा आगे भी इसकी निगरानी जरूरी है. हालांकि, हम आयोग को ग्रैप 2 लागू करने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह उचित होगा कि वह इसमें ग्रैप 3 के अतिरिक्त उपायों को शामिल करे और हम ऐसा करने की अनुमति देते हैं. हमें यहां यह दर्ज करना होगा कि अगर यह पाया जाता है कि AQI 350 से ऊपर चला जाता है, तो एहतियात के तौर पर ग्रैप 3 को तुरंत लागू करना होगा. अगर किसी दिन AQI 400 को पार कर जाता है, तो ग्रैप 4 को फिर से लागू किया जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सीएक्यूएम को चरण-दो प्रतिबंधों में जीआरएपी-तीन के कुछ अतिरिक्त उपाय शामिल करने का सुझाव दिया. पीठ ने सीएक्यूएम को बताया कि यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 अंक को पार कर गया तो चरण तीन प्रतिबंध लागू किए जाएंगे और यदि एक्यूआई 400 को पार कर गया तो चरण-चार प्रतिबंध लागू किए जाएंगे.
ASG ने कहा कि अदालत को समग्र रूप से देखना चाहिए कि नवंबर दिसंबर के दौरान दिल्ली की हवा कैसी रहती है. दुर्भाग्य से हमारे मौसम विज्ञान विभाग यूरोपीय या फिनलैंड जैसी स्थितियों की अनुमति नहीं देता है. हमारी भौगोलिक स्थिति यूरोपीय देशों जैसी नहीं है. आबो हवा भी वैसी नहीं है. यानी दोनों की तुलना नहीं हो सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के साथ सीएक्यूएम को जीआरएपी-चार के प्रतिबंधों में ढील देने की अनुमति दी है. ग्रैप-4 के तहत दिल्ली में कर्मशियल ट्रकों के आने पर रोक लगा दी गई थी. डीज़ल से चलने वाले मध्यम और भारी वाहनों पर भी रोक लगाई गई है. लेकिन अब ग्रैप-4 हटने के बाद ये सभी रोक भी हट गई है.
इसके अलावा, ईंधन पर चलने वाली सभी इंडस्ट्रियों को बंद कर दिया गया है, और निर्माण करने और ढहाने पर भी रोक लगाई गई थी. सरकारी-निजी दफ़्तरों को 50 फीसदी स्टाफ को ही बुलाए जाने की सलाह दी गई थी. लेकिन अब ग्रैप-4 हटाने से ये सभी रोक हट जाएगी.