पंजाब के किसानों का दिल्ली की ओर कूच उनके लंबित मुद्दों और मांगों को लेकर हो रहा है। किसान संगठनों ने इस आंदोलन को “दिल्ली चलो” नाम दिया है। यह आंदोलन किसान संगठनों के धैर्य और संघर्ष का प्रतीक बनता जा रहा है, क्योंकि उनके मोर्चे को 297 दिन पूरे हो गए हैं, और खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर चुका है।
प्रमुख बिंदु:
- नेतृत्व: किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह पंधेर इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
- जत्था: लगभग 101 किसानों और मजदूरों का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर रवाना होगा।
- समय: यह कूच शुक्रवार दोपहर 1 बजे शुरू होगा।
- मांगें:
- लंबित कृषि सुधारों पर कार्यवाही।
- किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी।
- किसान ऋण माफी और बिजली दरों में कटौती।
- भूमि अधिग्रहण और जल संकट जैसे मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार की स्पष्ट नीतियां।
आंदोलन का महत्व:
किसान संगठनों का कहना है कि उनकी मांगें लंबे समय से अनसुनी की जा रही हैं, और यह कूच सरकार पर दबाव बनाने के लिए है। इसके अलावा, आमरण अनशन जैसे कदम उनके आंदोलन की गंभीरता को दर्शाते हैं।
प्रशासन की तैयारी:
दिल्ली कूच के मद्देनज़र, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जा सकती है। पुलिस और प्रशासन बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा सकते हैं ताकि शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
यह आंदोलन न केवल किसानों की आवाज़ उठाने का माध्यम है, बल्कि उनकी असंतुष्टि और अधिकारों की लड़ाई का भी प्रतीक है। आगामी दिनों में यह देखना अहम होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की मांगों को लेकर क्या कदम उठाती हैं।
आठ महीने से किसान दे रहे हैं धरना
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम लोग पिछले आठ महीने से यहां पर बैठे हैं। हमारी मांगों को सरकार ने अनसुना किया है। इसलिए हमने दिल्ली पैदल मार्च करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार उन्हें मार्च निकालने से रोकती है तो यह उनके लिए नैतिक जीत’ होगी। केंद्र और राज्यों में सत्ताधारी पार्टियों के नेता नियमित रूप से कहते रहे हैं कि अगर किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं लाते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इसलिए अगर हम पैदल दिल्ली जाते हैं, तो किसानों को रोकने का कोई कारण नहीं होना चाहिए।
#WATCH | At the Shambhu border, Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "… The march has entered its 297th day and the indefinite hunger strike at the Khanauri border has entered its 11th day. At 1 pm, a 'jatha' of 101 farmers will move towards Delhi from the Shambhu… pic.twitter.com/GX8LEzsNaj
— ANI (@ANI) December 6, 2024
अंबाला-दिल्ली सीमा पर बैरिकेडिंग
वहीं, हरियाणा पुलिस ने किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर अंबाला-दिल्ली सीमा पर बैरिकेडिंग कर दी है। अंबाला के एसपी सुरेंद्र सिंह भोरिया का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। मैं सभी किसानों से शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। वे आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद दिल्ली जा सकते हैं। कानून का पालन करना हमारा कर्तव्य है।
धारा 163 लागू
अंबाला जिला प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से कोई भी जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गयी है।
आदेश में कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पंजाब और हरियाणा से आएंगे और दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा होंगे। इसलिए, बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी करने समेत सीमा बिंदुओं पर और जिले में उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि पूर्व अनुमति के बिना ऐसे किसी भी व्यक्ति की आवाजाही की अनुमति न दी जा सके।