भारत सरकार की सीरिया को लेकर जारी की गई ट्रैवल एडवाइजरी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एडवाइजरी सीरिया में जारी अशांत परिस्थितियों और वहाँ यात्रियों के लिए बढ़ते खतरों को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है।
एडवाइजरी की मुख्य बातें:
- यात्रा से बचने की सलाह:
- भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक सीरिया की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है।
- यह सलाह सीरिया में मौजूदा राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी गई है।
- सीरिया में मौजूद भारतीयों के लिए दिशानिर्देश:
- जो भारतीय नागरिक पहले से ही सीरिया में मौजूद हैं, उनसे भारतीय दूतावास से संपर्क में रहने का अनुरोध किया गया है।
- उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी ([email protected]) जारी किए हैं।
- सीरिया से प्रस्थान:
- उन नागरिकों से, जो प्रस्थान कर सकते हैं, जल्द से जल्द उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से सीरिया छोड़ने का आग्रह किया गया है।
- शेष नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने और अपनी गतिविधियाँ न्यूनतम स्तर पर रखने की सलाह दी गई है।
- सुरक्षा पर ध्यान:
- सीरिया में भारतीय नागरिकों को अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने और स्थानीय परिस्थितियों पर नजर बनाए रखने की अपील की गई है।
सीरिया की मौजूदा स्थिति:
सीरिया लंबे समय से गृहयुद्ध, आतंकवाद, और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। वर्तमान में भी वहाँ की सुरक्षा स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है, जिससे भारतीय नागरिकों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
भारतीय सरकार का कदम:
भारत सरकार का यह निर्णय नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय और दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास, वहाँ मौजूद भारतीय नागरिकों की मदद और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं।
सुझाव:
यदि आप या आपका कोई जानने वाला सीरिया में है, तो उन्हें निम्नलिखित सलाह दें:
- तुरंत दूतावास से संपर्क करें।
- संभावित खतरों से बचने के लिए सावधानी बरतें।
- अपनी गतिविधियों को कम से कम करें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने सीरिया में हिंसक वृद्धि पर ध्यान दिया है, और वहां भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सीरिया में लगभग 90 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 14 विभिन्न संयुक्त राष्ट्र संगठनों में काम कर रहे हैं.
सीरियाई विद्रोहियों ने किया हमला
सीएनएन के अनुसार, सीरियाई विद्रोहियों द्वारा किए गए हिंसक हमले ने एक गृहयुद्ध को फिर से जगा दिया है जो सालों से काफी हद तक निष्क्रिय था. विशेष रूप से, 2020 के बाद से फ्रंट लाइन काफी हद तक अपरिवर्तित रही है, विद्रोही समूह मुख्य रूप से इदलिब प्रांत के एक छोटे से हिस्से तक ही सीमित हैं. सैकड़ों लोग शुक्रवार की रात को मध्य सीरिया के शहर होम्स से भाग गए, क्योंकि शासन विरोधी विद्रोही राजधानी दमिश्क की ओर आगे दक्षिण की ओर बढ़ रहे हैं.
विरोध प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश
गुरुवार को उत्तर में हमा शहर पर कब्ज़ा करने के बाद, विद्रोहियों ने होम्स पर अपनी नज़रें गड़ा दीं, जिस पर अगर कब्जा कर लिया गया, तो राष्ट्रपति बशर अल-असद के नियंत्रण वाले क्षेत्र दो हिस्सों में बंट जाएंगे. संघर्ष 2011 में शुरू हुआ, जब असद ने अरब स्प्रिंग के दौरान शांतिपूर्ण लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, एक दशक से ज़्यादा समय से चल रहे युद्ध में 3,00,000 से ज़्यादा नागरिक मारे गए हैं, और सीएनएन के अनुसार, पूरे क्षेत्र में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.