महादेव बेटिंग ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 387.99 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है, जिससे अब तक इस मामले में कुल कुर्क की गई संपत्ति का मूल्य 2295.61 करोड़ रुपये हो गया है। यह कार्रवाई पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत की गई है और इसमें नकद, कीमती वस्तुएं, बैंक बैलेंस, और संपत्तियां शामिल हैं।
कुर्क की गई संपत्तियों का विवरण:
- नकदी और कीमती वस्तुएं:
- 19.36 करोड़ रुपये की नकदी।
- 16.68 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती वस्तुएं।
- चल संपत्ति (बैंक बैलेंस और प्रतिभूतियां):
- कुल 1729.17 करोड़ रुपये।
- संपत्तियों का स्थान:
- छत्तीसगढ़, मुंबई, मध्य प्रदेश और मॉरीशस में।
ईडी की जांच में खुलासे:
- महादेव ऑनलाइन बुक एक “अंब्रेला सिंडिकेट” है, जो विभिन्न सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइटों के माध्यम से संचालित होता है।
- यह नेटवर्क पैनल ऑपरेटरों और प्रमोटरों के सहयोग से बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग करता है।
- इस सिंडिकेट में नकदी के बड़े लेन-देन और विदेशी ठिकानों का उपयोग कर धन को सफेद किया जाता है।
"ED, Raipur Zonal Office has provisionally attached movable and immovable assets on 05.12.2024 under the provisions of PMLA, 2002 worth Rs. 387.99 Crore in the form of movable (Investment made by Mauritius-based company, M/s Tano Investment Opportunities Fund related to Hari… pic.twitter.com/v67MUdQFq9
— ANI (@ANI) December 7, 2024
अब तक की कार्रवाई:
- गिरफ्तारी:
- ईडी ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
- अभियोजन:
- रायपुर में पीएमएलए के तहत विशेष न्यायालय में चार अभियोजन शिकायतें दायर की गई हैं।
- पहले की कुर्की:
- पहले दो अनंतिम कुर्की आदेशों में 142.86 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी।
महादेव बेटिंग ऐप का नेटवर्क:
- यह नेटवर्क अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है।
- इस सिंडिकेट का संचालन भारत के विभिन्न राज्यों और विदेशों से किया जाता है।
- इसने सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अवैध संपत्ति जमा की है।
ईडी की अगली कार्रवाई:
- कुर्क की गई संपत्तियों की कानूनी प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
- नेटवर्क के अन्य सदस्यों और सहयोगियों पर शिकंजा कसा जाएगा।
- विदेशी ठिकानों पर ले जाए गए धन को ट्रैक करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
मामले की गंभीरता:
महादेव बेटिंग ऐप मामला भारत में सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के सबसे बड़े मामलों में से एक बन चुका है। ईडी की यह कार्रवाई सट्टेबाजी और अवैध वित्तीय गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत देती है।