वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े देश भर में वक्फ संपत्तियों की मौजूदा स्थिति को स्पष्ट करते हैं। यह जानकारी महत्वपूर्ण है, खासतौर पर तब, जब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर मनमानी और विवादों के आरोप लगते रहे हैं।
वक्फ संपत्तियों का विवरण:
- अचल संपत्तियां:
- वक्फ बोर्ड अधिनियम के तहत 87,2,352 अचल संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं।
- इनमें जमीन, भवन, और अन्य स्थायी संपत्तियां शामिल हैं।
- चल संपत्तियां:
- अधिनियम के तहत 16,713 चल संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं।
- इसमें नकदी, निवेश, और अन्य चल संपत्तियां हो सकती हैं।
सरकार का रुख:
- ये आंकड़े अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत किए गए।
- सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को लेकर गंभीर है।
- वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के दुरुपयोग की शिकायतों के मद्देनजर पारदर्शिता और निगरानी बढ़ाने की मांग की जा रही है।
वक्फ संपत्तियों से जुड़े मुद्दे:
- दुरुपयोग और अनियमितता:
- वक्फ संपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग और किराया निर्धारण अक्सर विवादों का कारण बनता है।
- संपत्तियों के रिकॉर्ड में गड़बड़ी और अवैध कब्जे आम समस्याएं हैं।
- प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी:
- कई मामलों में वक्फ बोर्डों पर पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी के आरोप लगते हैं।
- संपत्तियों का सार्वजनिक उपयोग:
- वक्फ संपत्तियों का सही और उत्पादक उपयोग सुनिश्चित करने की जरूरत है, जिससे समाज को लाभ मिल सके।
वक्फ की सबसे अधिक संपत्तियों वाले राज्य
वक्फ बोर्ड ने सबसे अधिक संपत्तियां उत्तर प्रदेश में कब्जा रखी हैं। जहां, पर शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिलाकर कुल 2,32,000 से अधिक संपत्तियां वक्फ बोर्ड के अधीन हैं। यूपी के बाद पश्चिम बंगाल में वक्फ बोर्ड के अंतर्गत सबसे अधिक संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं, जहां 80,000 से अधिक संपत्तियां वक्फ के पास हैं। इसके अलावा पंजाब भी वक्फ बोर्ड से अछूता नहीं है। वहां 76,000 से अधिक संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है।
इसके अलावा सर्वाधिक वक्फ संपत्तियों के मामले में चौथे नंबर पर है तमिलनाडु, जहां पर 66,000 से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं। वहीं इस मामले कर्नाटक पांचवें नंबर पस आता है, जहां पर 62,000 से अधिक संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है। उल्लेखनीय है कि देश में सबसे अधिक मनमानियां वक्फ बोर्ड की कर्नाटक से ही सामने आई थीं। जहां, वक्फ बोर्ड ने विजयपुर जिले में किसानों की 1500 एकड़ जमीन पर अपना दावा ठोंक दिया था। इसके अलावा वक्फ बोर्ड ने ऐतिहासिक बीदर किले तक पर अपना दावा ठोंक दिया था।