भारतीय वायुसेना (IAF) की ताकत को और बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई एसयू-30एमकेआई लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 13,500 करोड़ रुपये का करार किया है। यह सौदा भारत की आत्मनिर्भरता और घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सौदे की प्रमुख विशेषताएं:
- घरेलू सामग्री का उपयोग:
- इन विमानों में 62.6% सामग्री भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा निर्मित होगी, जिससे घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- यह कदम मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लिया गया है।
- एचएएल द्वारा निर्माण:
- रूसी मूल के एसयू-30एमकेआई जेट्स का निर्माण अब एचएएल के अंतर-सरकारी ढांचे के तहत किया जाएगा।
- यह एचएएल की उत्पादन क्षमता और तकनीकी दक्षता को दर्शाता है।
- रक्षा मंत्रालय का बयान:
- मंत्रालय ने इस डील को भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक “मील का पत्थर” करार दिया है।
- इन विमानों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
सुखोई एसयू-30एमकेआई की विशेषताएं:
- यह मल्टी-रोल लड़ाकू विमान लंबी दूरी की मिसाइल, हवा से हवा और हवा से जमीन तक हमले की क्षमता से लैस है।
- यह विमान उन्नत एवियोनिक्स और हथियार प्रणाली के साथ आधुनिक युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम है।
सौदे का महत्व:
- भारतीय वायुसेना के बेड़े में नए सुखोई विमान शामिल होने से परिचालन क्षमता बढ़ेगी और भारत की सीमाओं की सुरक्षा और मजबूत होगी।
- यह डील भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को और मजबूत करेगी और स्थानीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
देश की रक्षा तैयारियां मजबूत होंगी
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देते हुए, रक्षा मंत्रालय और मेसर्स हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच आज 12 Su-30MKI विमानों और संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए. इसकी अनुमानित लागत करों और शुल्कों सहित 13,500 करोड़ रुपए है.
प्रेस नोट में कहा गया कि विमान में 62.6% स्वदेशी सामग्री होगी, जो भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा निर्मित किए जाने वाले कई घटकों के स्वदेशीकरण के कारण बढ़ी है. इन विमानों का निर्माण एचएएल के नासिक डिवीजन में किया जाएगा. इन विमानों की आपूर्ति से भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता बढ़ेगी और देश की रक्षा तैयारियां मजबूत होंगी.
रक्षा मंत्रालय से 15 सितंबर को मिली दी मंजूरी
हवाई क्षेत्र को और अधिक सुरक्षित करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा 15 सितंबर को 12 Su-30 MKI विमानों की खरीद को भी मंजूरी दी गई. साथ ही कहा गया कि सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से खरीदें भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित (IDMM)/खरीदें (भारतीय) श्रेणी के तहत की जाएगी, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा.