प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में अपने भाषण के दौरान महिला सशक्तिकरण और भारतीय लोकतंत्र की विशेषताओं पर जोर दिया। उनके विचार भारतीय संविधान की प्रगतिशीलता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
प्रधानमंत्री के मुख्य विचार:
- महिला सशक्तिकरण और संविधान:
- पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान ने महिलाओं को आरंभ से ही मतदान का अधिकार प्रदान किया, जबकि कई विकसित देशों में यह अधिकार बहुत बाद में दिया गया।
- उन्होंने महिलाओं की भूमिका को संविधान के निर्माण और भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण बताया।
- यह बात भारत की लोकतांत्रिक संस्कृति में महिलाओं की समानता और योगदान के महत्व को दर्शाती है।
- भारत: लोकतंत्र की जननी (Mother of Democracy):
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह लोकतंत्र की जननी भी है।
- भारतीय लोकतंत्र की विशेषता इसकी जड़ों में समाहित विविधता, समावेशिता और सहिष्णुता में है, जो इसे प्रेरणादायक बनाती है।
- उन्होंने भारत की प्राचीन लोकतांत्रिक परंपराओं को रेखांकित किया और कहा कि यह विरासत आज भी विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
- संविधान की 75वीं वर्षगांठ का महत्व:
- प्रधानमंत्री ने संविधान के 75 साल पूरे होने को लोकतांत्रिक उपलब्धियों का उत्सव बताया।
- उन्होंने भारतीय संविधान को सामाजिक न्याय, समानता और महिला सशक्तिकरण का एक मजबूत आधार बताया।
पीएम मोदी का संदेश:
- महिला अधिकार और प्रगतिशीलता: भारतीय संविधान ने महिलाओं को समान अधिकार देकर समाज में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की। यह भारत की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है।
- लोकतंत्र की प्राचीन परंपरा: भारत में लोकतंत्र का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। गांवों की पंचायतों और समुदाय-आधारित शासन प्रणालियों से यह सिद्ध होता है कि भारत में लोकतांत्रिक विचारधारा का गहरा इतिहास रहा है।
- ग्लोबल प्रेरणा: प्रधानमंत्री ने भारतीय लोकतंत्र को वैश्विक प्रेरणा का स्रोत बताया, जिससे यह समझ आता है कि भारत न केवल अपने नागरिकों के लिए, बल्कि विश्व के लिए भी एक आदर्श लोकतांत्रिक प्रणाली प्रदान करता है।
75 वर्ष की ये उपलब्धि असाधारण है। जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है।
इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों…
— BJP (@BJP4India) December 14, 2024
संविधान निर्माण में महिलाओं ने निभाई सशक्त भूमिका
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के निर्माण में नारी शक्ति ने सशक्त भूमिका निभाई थी. संविधान सभा में 15 महिलाएं सदस्य थी. सभी अलग-अलग बैकग्राउंड की थीं, संविधान में जो-जो सुझाव दिए. उनका संविधान के निर्माण पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा था. हमारे यहां शुरुआत से ही महिलाओं को वोट का अधिकार संविधान ने दिया था.
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया. लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए. हर बड़ी योजना के सेंटर में महिला होती है. संविधान के 75 वर्ष मना रहे हैं. भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला हैं. इस सदन में भी लगातार महिला सांसदों की संख्या बढ़ रही है. मंत्रिपरिषद में भी उनका योगदान बढ़ रहा है.
आज हमारी हर योजना की सेंटर में महिलाएं होती हैं और जब हम ये संविधान के 75 वर्ष मना रहे हैं, तो ये अच्छा संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला विराजमान है। यही नहीं, हमारे सदन में भी महिला सांसदों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
– पीएम @narendramodi… pic.twitter.com/4g4r0o7Vv2
— BJP (@BJP4India) December 14, 2024
हर क्षेत्र में महिलाएं हैं आगे
पीएम मोदी ने कहा कि आज सामाजिक, आर्थिक या खेल-कूद हो, जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व देश के लिए गौरव दिलाने वाला रहा है. खास कर स्पेश तकनीक में उनके योगदान को हर हिंदुस्तानी गर्व से कर रहा है. इसकी सबसे बड़ी प्रेरणा हमारा संविधान है.