“वन नेशन, वन इलेक्शन” से जुड़ा ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस बिल को सदन के पटल पर रखेंगे। सरकार इस बिल को पेश करने के बाद संसद की संयुक्त समिति (JPC) को भेजने की सिफारिश करेगी। इस विधेयक की प्रति सभी सांसदों को सर्कुलेट कर दी गई है।
प्रमुख घटनाक्रम
- बीजेपी का व्हिप:
बीजेपी ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है ताकि सदन में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। - कांग्रेस का विरोध:
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और तीन लाइन का व्हिप जारी कर दिया। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध जताया है। - अखिलेश यादव का बयान:
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने “वन नेशन, वन इलेक्शन” को संविधान को कमजोर करने की साजिश करार दिया। - सरकार का पक्ष:
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह किसी पार्टी का मुद्दा नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय हित का विषय है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में “एक देश-एक चुनाव” की व्यवस्था थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे बदल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार चुनावों से राष्ट्रीय संसाधनों का नुकसान होता है।
क्या है “वन नेशन, वन इलेक्शन”?
“वन नेशन, वन इलेक्शन” का अर्थ है कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं। इसका मुख्य उद्देश्य:
- चुनाव खर्च में कमी।
- सरकारी कामकाज पर पड़ने वाले असर को कम करना।
- नीतियों और विकास कार्यों को सुचारु रूप से लागू करना।
विपक्ष का तर्क
- विपक्ष का कहना है कि यह संविधान की संघीय व्यवस्था के खिलाफ है।
- राज्यों के अधिकारों को कमजोर कर केंद्र के नियंत्रण को बढ़ावा देने का प्रयास बताया जा रहा है।
आज की कार्यवाही
लोकसभा में आज की कार्यवाही हंगामेदार रहने की संभावना है। “वन नेशन, वन इलेक्शन” जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है।
Parliament Winter Session 2024: 'One Nation, One Election' bill to be introduced in Lok Sabha today
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— ANI Digital (@ani_digital) December 17, 2024
क्या-क्या होंगे संशोधन
एक देश एक चुनाव कराने के लिए सरकार को संविधान में कई सारे संशोधन करने होंगे। इसके अंतर्गत लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को एक साथ संपन्न कराने के लिए आर्टिकल-82 (ए), संसद के सदनों की अवधि को तय करने के लिए आर्टिकल-83, राज्य विधानसभाओं की समय-सीमा तय करने के लिए अनुच्छेद-172 और विधायिकाओं से जुड़े प्रावधान करने की संसद की शक्ति के लिए अनुच्छेद-327 में संशोधन किए जाने की आवश्यकता सरकार को है।
एक देश एक चुनाव के फायदे
एक देश एक चुनाव की प्रथा लागू होने के कई फायदे होंगे। एक साथ चुनाव होने से पैसों की बचत होगी, क्योंकि एक साथ चुनाव होने से कई तरह की व्यय जिसे दुबारा करना पड़ता है उससे एक बार में ही निपटा जा सकता है। सरकार उस पैसे का जनहित में कार्य जैसे स्कूल, सड़क, अस्पताल वो अन्य कार्य कर सकेगी। सुरक्षा बलों पर काम का कम तनाव रहेगा क्योंकि उनको ज्यादा समय मिलेगा, जिससे कि वो उसका सदुपयोग अपने परिवार के साथ समय बिताने में कर सकेंगे। चुनाव आचार संहिता कम लगने से विकास गतिविधि पर सरकार ज्यादा गहराई से काम कर सकेगी। लोकसभा तथा विधानसभा के चुनाव एक साथ संपन्न होने के कारण लोगों की मतदान प्रक्रिया में अधिक रूचि होगी और मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि होगी।
एक साथ चुनाव होने के कारण सरकार तत्काल के लाभ के बदले वैसे निर्णय लेगी, जिसका दूरगामी और समाज पर अच्छा प्रभाव पड़े। इस स्थिति में राजनितिक दलों को भी कम खर्च करना पड़ेगा जिसके कारण छोटे दलों को भी बड़े दलों से बराबरी का मुकाबले का मौका मिलेगा। एक साथ चुनाव होने के कारण आदर्श आचार संहिता के लागू होने की अवधि में कमी आएगी हुए सरकार अधिक जन सरोकार के कार्य करेगी।