भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत (NGMV) का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में स्टील कटिंग समारोह के साथ शुरू हो गया है। यह भारतीय रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम है, जो चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।
NGMV युद्धपोत की मुख्य विशेषताएं
- ब्रह्मोस मिसाइल से लैस:
- प्रत्येक पोत पर 8 ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें लगाई जाएंगी।
- ये मिसाइलें सतह से सतह पर अचूक मार करने में सक्षम होंगी।
- एंटी-एयर मिसाइल सिस्टम:
- हवाई हमलों से सुरक्षा के लिए 32 मिसाइलें लगाई जाएंगी।
- यह भारतीय नौसेना को दुश्मनों के हवाई हमलों से सुरक्षित रखेगा।
- उन्नत हथियार और सेंसर सिस्टम:
- एयर सर्विलांस और फायर कंट्रोल रडार से लैस।
- एडवांस हथियार प्रणाली और सेंसर सिस्टम युद्ध के दौरान सटीकता और प्रभावी मारक क्षमता प्रदान करेंगे।
- उच्च गति के युद्धपोत:
- NGMV को हाई स्पीड युद्धपोत के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो तेजी से दुश्मन पर हमला करने और स्थिति पर नियंत्रण पाने में सक्षम होंगे।
- छह युद्धपोत निर्माण:
- भारतीय नौसेना को 6 NGMV युद्धपोत मिलने हैं।
- इनका निर्माण 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से नौसेना में शामिल किया जाएगा।
सामरिक महत्व
- चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों के मद्देनजर यह युद्धपोत भारतीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
- ब्रह्मोस मिसाइल और एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती से भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ेगी।
- दुश्मन देशों के युद्धपोतों और हवाई खतरों का सामना करने में भारतीय नौसेना को रणनीतिक बढ़त मिलेगी।
यह कदम आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करता है और समुद्री सीमाओं पर भारतीय नौसेना के दबदबे को बढ़ाता है।
‘Steel Cutting’ ceremony of the first of the six ships of Next Generation Missile Vessel (NGMV), held at @cslcochin, Kochi in presence of Cmde S Parthiban, Warship Production Superintendent, Kochi.
Capable of undertaking high speed operations & planned to be installed with… pic.twitter.com/CkXRke5w1z
— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 16, 2024
भारतीय नौसेना तेजी से आधुनिक हो रही है और इसमें अत्याधुनिक युद्धपोतों का निर्माण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में कोचीन शिपयार्ड में शुरू हुए अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत (NGMV) न केवल नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे बल्कि दुश्मन के ठिकानों पर सटीक और घातक हमले करने में सक्षम होंगे।
NGMV युद्धपोत की मुख्य विशेषताएं
- उन्नत हथियार और सेंसर सिस्टम:
- युद्धपोतों में दुश्मन के ठिकानों और युद्धपोतों पर हमला करने वाली 8 ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात की जाएंगी।
- एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से यह हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करेगा।
- हवाई हमले की टोह लेने के लिए अत्याधुनिक रडार और सेंसर सिस्टम लगाए जाएंगे।
- उच्च गति और क्षमता:
- ये युद्धपोत 35 नॉट (65 किमी/घंटा) की तेज रफ्तार से संचालित होंगे।
- एक युद्धपोत में 93 नौसैनिकों की तैनाती संभव होगी।
- अत्याधुनिक डिजाइन:
- ये युद्धपोत कम स्टील्थ डिटेक्शन क्षमता के साथ डिजाइन किए गए हैं, जिससे दुश्मन के रडार को चकमा देना आसान होगा।
- पानी और जमीन पर तेजी से मार करने की क्षमता के साथ यह भारतीय नौसेना के लिए एक बहुउद्देशीय हथियार साबित होंगे।
- विजय दिवस पर निर्माण का शुभारंभ:
- इन जहाजों के निर्माण की शुरुआत 16 दिसंबर को हुई, जो विजय दिवस के उपलक्ष्य में खास महत्व रखता है।
- 1971 भारत-पाक युद्ध में कराची बंदरगाह पर भारतीय नौसेना के हमले ने पाकिस्तान की नौसेना को बुरी तरह तबाह कर दिया था।
- आधुनिकीकरण की रफ्तार:
- वर्तमान में भारतीय नौसेना के 50 युद्धपोत निर्माणाधीन हैं।
- अगले 12 महीनों में लगभग हर महीने एक नया युद्धपोत भारतीय नौसेना में शामिल होगा।
रणनीतिक महत्व
- NGMV युद्धपोत दुश्मन के जल, थल और वायु खतरों का मुकाबला कर सकते हैं।
- इनकी तेज रफ्तार और अत्याधुनिक मिसाइल क्षमता भारत को हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सामरिक बढ़त दिलाएगी।
- ब्रह्मोस मिसाइलें इन युद्धपोतों को घातक स्ट्राइक क्षमता प्रदान करेंगी, जो चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए बड़ी चुनौती होंगी।
- 1971 विजय दिवस पर इनका निर्माण शुरू होना, भारतीय नौसेना की इतिहास और भविष्य की रणनीतिक शक्ति को दर्शाता है।