उत्तर प्रदेश के संभल के खग्गू सराय में 46 साल से बंद पड़े कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर के खुलने के बाद एक और सालों से बंद पड़ा हिंदू मंदिर मिला है। ये मंदिर हयात नगर थानाक्षेत्र के सरायतरीन इलाके में मिला। अवैध कब्जे हटाने के बीच पुलिस की नजर इस पर पड़ी। पुलिस प्रशासन ने फौरन इसका ताला खुलवाया और पाया कि अंदर राधा-कृष्ण और हनुमान जी की मूर्तियाँ स्थापित थीं।
प्रशासन ने इस मंदिर को भी साफ करवाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर काफी समय से इसलिए बंद था क्योंकि पूरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य है। पहले इलाके में 30 से 40 हिंदू परिवार रहते थे जो कि दंगे के बाद धीरे-धीरे पलायन कर गए।
मालूम हो कि जिस हयातनगर (सरायतरीन) में यह बंद पड़ा मंदिर मिला है उस जगह की चर्चा संभल हिंसा के बाद भी थी। दरअसल, सामने आया था कि हिंसा में इस इलाके के युवक भी शामिल थे। अब दोबारा से बंद पड़े मंदिर के मिलने के कारण इस इलाके की बात हो रही है।
संभल में मिला एक और मंदिर
सामने आई तस्वीर में देख सकते हैं कि मंदिर के आसपास घनी बस्ती है और मंदिर की दीवारें देखकर ही पता चल रहा है कि सालों से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हालाँकि, मालूम हो कि इस मंदिर के आसपास किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं मिला है जैसा कि कार्तिकेश्वर मंदिर के पास मिला था।
खग्गू सराय में मिले मंदिर के पास अवैध कब्जे को तो मुस्लिम परिवार छोड़ने को तैयार हो गया है और प्रशासन से बातचीत के बाद खुद अतिक्रमण हटा रहा है। लेकिन, अब ये खग्गू सराय इलाके में मिल रहे कुओं के कारण सुर्खियों में है।
जामा मास्जिद के पास मिला एक और कुआँ
बीते दिनों इसी मंदिर को खुलवाने के बाद एक पास में मिले कुएँ की खुदाई भी हुई थी जिसमें से हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ मिली थीं। इस खुदाई के बाद प्रशासन को एक और कुएँ का पता चला। ये कुआँ मस्जिद के बिलकुल दरवाजे के किनारे पर पाटा गया था। प्रशासन इसकी भी खुदाई करवा रहा है। मौके पर पुलिस फोर्स तैनात है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कुआँ नगर पालिका ने ही बंद करवाया था। अब प्रशासन मंदिर के पास बने कुएँ की तरह इसकी खुदाई भी कराएगा।
कुछ रिपोर्ट्स ऐसी भी सामने आई हैं जिसमें जिलाधिकारी डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया के हवाले से बताया गया कि संभल में 68 तीर्थ और 21 कूप और 52 सराय और दर्जनों सरोवर होने की जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया कि इलाके में अवैध कब्जा होने के बाद ये सारी चीजें विलुप्त हो गईं। लेकिन अब दोबारा प्रशासन के प्रयासों से संभल अपने वास्तविक रूप में लौट आएगा।