स्टील कंपनी के मालिक संजय सुरेखा की गिरफ्तारी एक बड़े बैंकिंग घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहम मोड़ है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा की जा रही इस कार्रवाई से कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर रोशनी पड़ रही है।
मामले के प्रमुख बिंदु:
- घोटाले का आरोप:
- संजय सुरेखा पर 16 बैंकों से 6000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
- ईडी जांच कर रही है कि क्या यह धन विदेशों में तस्करी करके भेजा गया है या अन्य गैरकानूनी तरीकों से उपयोग किया गया।
- छापेमारी के दौरान बरामदगी:
- कोलकाता स्थित उनके आवास से:
- 4.5 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण।
- कई लग्जरी कारें जब्त की गईं।
- यह संपत्ति उनके अवैध धन के उपयोग का प्रमाण हो सकती है।
- कोलकाता स्थित उनके आवास से:
- अदालत में पेशी:
- आज उन्हें ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उनकी कस्टडी की मांग की जा सकती है।
- विदेशी कनेक्शन की जांच:
- ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या घोटाले की राशि को हवाला नेटवर्क या शेल कंपनियों के माध्यम से विदेश भेजा गया है।
- यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग के ट्रांजेक्शन और उनके विदेशी निवेश पर केंद्रित है।
- बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी:
- आरोप यह भी है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंकों से भारी मात्रा में कर्ज लिया गया और उसे चुकाने में चूक की गई।
- 16 बैंकों से जुड़े इस मामले ने देश की बैंकिंग प्रणाली की खामियों को उजागर किया है।
संभावित कानूनी परिणाम:
- अगर विदेशों में अवैध धन भेजने का सबूत मिलता है, तो पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई हो सकती है।
- जब्त की गई संपत्तियों और बैंकों के दस्तावेजों का अध्ययन यह तय करेगा कि घोटाले की वास्तविक राशि कितनी बड़ी है।
बैंकों से लिया था 6 हजार करोड़ का लोन
ईडी ने सुरेखा से जुड़े 10 ठिकानों पर छापेमारी कि जिसमें बालीगंज में उनका आवास भी शामिल है, जहां से सोने के आभूषण और कई विदेशी निर्मित लग्जरी कारें जब्त की गईं। सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी देश भर में कम से कम 16 बैंकों से जुड़े 6,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी की जांच का हिस्सा है। सूत्रों ने खुलासा किया कि सुरेखा ने कई खातों और दावों के माध्यम से 6,000 करोड़ रुपये का ऋण लिया, लेकिन उसे चुकाने में विफल रहे।
ईडी एक साल से अधिक समय से इस धोखाधड़ी मामले में सुरेखा की भूमिका की जांच कर रहा था। पूछताछ के दौरान, वह धन के दुरुपयोग और जब्त किए गए आभूषणों के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसके अलावा, सुरेखा अपने आवास पर मिले कीमती सामान के लिए वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका।