यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्रहमान बर्क इन दिनों दो अलग-अलग मामलों में कानूनी शिकंजे में घिर गए हैं। पहली मुश्किल संभल हिंसा से जुड़ी है, जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है, अब इस मामले में वो अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुँचे हैं और एफआईआर रद्द करने की माँग की है। तो दूसरी परेशानी उनके घर के बिजली कनेक्शन में कथित गड़बड़ी को लेकर है।
संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्रहमान बर्क द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल करना एक महत्वपूर्ण कानूनी घटनाक्रम है। बर्क ने याचिका में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की माँग करते हुए दलील दी है कि गिरफ्तारी से उन्हें अपूरणीय क्षति होगी।
मामले की पृष्ठभूमि:
- हिंसा का कारण: 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में पत्थरबाजी, तोड़फोड़, आगजनी और फायरिंग की घटनाएँ हुईं।
- प्रभाव: इस हिंसा में पाँच लोगों की मौत और सीओ समेत 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
- आरोप: पुलिस ने बर्क और स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे पर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।
बर्क की दलील:
- उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की जाए।
- उनका कहना है कि गिरफ्तारी उनके लिए अपूरणीय क्षति होगी, और वे निर्दोष हैं।
पुलिस की स्थिति:
- पुलिस का कहना है कि हिंसा में बर्क और अन्य नेताओं की भूमिका है।
- मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने नामजद एफआईआर दर्ज की है।
हाई कोर्ट में प्रक्रिया:
- हाई कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस की जांच और सबूतों का भी आकलन करेगा।
- यदि कोर्ट को लगता है कि बर्क की गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है, तो उन्हें अग्रिम जमानत दी जा सकती है।
- एफआईआर रद्द करने का निर्णय सबूतों और जांच की स्थिति पर निर्भर करेगा।
बिजली चोरी मामले में भी हो सकती है कार्रवाई
हिंसा के आरोपों से घिरे सांसद अब बिजली चोरी के शक के दायरे में भी आ गए हैं। बिजली विभाग की जाँच में उनके आवास का पुराना मीटर हटाकर नया स्मार्ट मीटर लगाया गया। जाँच में पाया गया कि पिछले पाँच महीनों का बिजली बिल शून्य था, जबकि उनके घर में एसी और कूलर जैसे कई बिजली उपकरण मौजूद हैं।
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अप्रैल से नवंबर तक सांसद के घर में बिजली खपत के आँकड़े असामान्य पाए गए। जुलाई से नवंबर तक एक भी यूनिट बिजली खर्च नहीं हुई, जबकि जून में केवल 13 यूनिट और अप्रैल में 35 यूनिट की खपत दर्ज की गई।
बहरहाल, बिजली विभाग ने मीटर की गड़बड़ी की जाँच शुरू कर दी है। अगर जाँच में कोई अनियमितता पाई जाती है, तो सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो सकती है। वहीं, सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बिजली का बिल नियमित रूप से जमा किया गया है और जाँच में पूरा सहयोग किया जाएगा। अगर कोई नोटिस मिलता है, तो वह कानून का सहारा लेंगे।
उनके पिता ममलुकु उर्रहमान बर्क ने भी बिजली चोरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मोहल्ले में हर घर में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, और यह कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि अगर पुलिस शहर छोड़ दे, तो हालात और बेहतर हो सकते हैं।
फिलहाल दोनों ही मामलों की जाँच चल रही है। संभल हिंसा मामले में हाई कोर्ट में सांसद की याचिका पर सुनवाई होगी, जबकि बिजली विभाग की जाँच पूरी होने के बाद ही यह तय होगा कि बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज होगी या नहीं।