राज्यसभा ने 20 दिसंबर को देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए प्रस्तावित विधेयकों पर अहम निर्णय लिया।
मुख्य बिंदु:
- 129वां संविधान संशोधन विधेयक, 2024 और अन्य विधेयक:
- यह विधेयक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ (वन नेशन, वन इलेक्शन – ONOE) कराने का प्रावधान करता है।
- इसे संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजा गया।
- लोकसभा और राज्यसभा में इसे ध्वनिमत से मंजूरी मिली।
- संसदीय समिति का गठन:
- संयुक्त समिति में कुल 39 सदस्य होंगे।
- लोकसभा से 27 सदस्य और राज्यसभा से 12 सदस्य नामित किए गए हैं।
- राज्यसभा के नामित सदस्य:
- भाजपा: घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार।
- जेडीयू: संजय झा।
- कांग्रेस: रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक।
- तृणमूल कांग्रेस: साकेत गोखले।
- डीएमके: पी विल्सन।
- आप: संजय सिंह।
- बीजेडी: मानस रंजन मंगराज।
- वाईएसआर कांग्रेस: वी विजय साई रेड्डी।
- विधेयकों का उद्देश्य:
- संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से चुनावी खर्चों को कम करना।
- मतदाता भागीदारी बढ़ाने और प्रशासनिक प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाना।
- चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने से रुकने वाले विकास कार्यों में बाधा को कम करना।
- कानून मंत्री का बयान:
- कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस विधेयक से देश में चुनावी प्रक्रिया को अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
- साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यकाल में तालमेल स्थापित होगा।
संयुक्त समिति की भूमिका:
- यह समिति विधेयक के सभी पहलुओं पर विचार करेगी।
- इसमें संवैधानिक संशोधनों, राज्यों के अधिकारों और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखा जाएगा।
- समिति अपनी रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करेगी।
चुनौती और प्रतिक्रिया:
- विपक्षी दलों की चिंता:
- कुछ दलों ने राज्यों की स्वायत्तता और क्षेत्रीय मुद्दों पर प्रभाव को लेकर सवाल उठाए।
- सरकार का पक्ष:
- सरकार ने इसे प्रशासनिक सुधार और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाला कदम बताया।
भारतीय जनता पार्टी से कितने सदस्य
इस समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया उनमें भारतीय जनता पार्टी से पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, विष्णु दयाल शर्मा, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैयजंत पांडा और संजय जायसवाल शामिल हैं.
कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है. समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और छोटेलाल, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, द्रमुक से टी एम सेल्वागणपति, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना (उबाठा) से अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के शामिल हैं. राधाकृष्णन, राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान और जन सेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी को इस समिति में शामिल किया गया है.
राज्यसभा से कितने सदस्य?
एक देश एक चुनाव पर बनी जेपीसी के लिए राज्यसभा से घनश्याम तिवाड़ी, भुवनेश्वर कलिता, डॉक्टर के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक, साकेत गोखले, पी विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन, विजय साई रेड्डी चुने गए हैं.
लोकसभा में 17 दिसंबर को किया गया था पेश
समिति को आगामी बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. इन विधेयकों को 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था. सदन में मत विभाजन के बाद 129वें संविधान संशोधन विधेयक 2024 को फिर से स्थापित किया गया. विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 263 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े थे.
इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024 को भी पेश किया था. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है. उन्होंने यह भी कहा था कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए. कानून मंत्री मेघवाल ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित विधेयक राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत है.