उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बंद पड़े मंदिरों के अलावा खुदाई के दौरान एक अन्य ऐतिहासिक धरोहर निकल कर सामने आई है। इसी जिले के चंदौसी क्षेत्र में राजस्व विभाग ने एक प्राचीन बावड़ी को भी खोज निकाला है। काफी बड़ी संरचना वाली इस बावड़ी को मिट्टी से दफन कर दिया गया था। फ़िलहाल प्रशसन द्वारा खुदाई का काम जारी है। माना जा रहा है कि अभी यहाँ पर सुरंग भी मिल सकती है।
#WATCH | Uttar Pradesh | Visuals from the Chandausi area of Sambhal where excavation work is underway at an age-old Baori by the Sambhal administration pic.twitter.com/tSKzLYwSwL
— ANI (@ANI) December 23, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुदाई का ये काम चंदौसी के लक्ष्मणगंज इलाके में हो रहा है। साल 1857 तक ये क्षेत्र हिन्दू बहुल हुआ करता था। यहाँ सैनी बहुतायत हुआ करते थे। वर्तमान में यह जगह मुस्लिम बहुल हो चुकी है। इस जगह की खुदाई की माँग को लेकर संभल के जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र मिला था। प्रार्थना पत्र में लक्ष्मणगंज के अंदर रानी बिलारी की प्रचीन बावड़ी होने का दावा किया गया था। इसी शिकायत का संज्ञान लेकर राजस्व विभाग की टीम लक्ष्मण गंज पहुँची थी।
बस्ती के बीच में एक जगह चिन्हित कर के खुदाई शुरू हुई। कुछ ही देर बाद जमीन के नीचे प्राचीन इमारतें मिलनी शुरू हो गईं। मीडिया से बात करते हुए राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नीचे 2 मंजिला इमारत दबी हुई है। यहाँ मौजूद बावड़ी और विशाल कुआँ सरकारी अभिलेखों में भी दर्ज है। बावड़ी की गहराई लगभग 250 फ़ीट बताई जा रही है। प्रशासन के पास नक्शा भी मौजूद है। आगे की खुदाई नक्शे के आधार पर की जाएगी। खुदाई का काम अभी भी जारी है। इसके विजुअल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh | Excavation work being carried out at an age-old Baori located in the Chandausi area of Sambhal pic.twitter.com/6meYAoStpg
— ANI (@ANI) December 22, 2024
इस बीच भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की टीम संभल पहुँच कर काम पर लग गई है। टीम ने यहाँ कल्कि मंदिर से अपनी जाँच पड़ताल शुरू की। इसके अलावा ASI 5 अलग-अलग जगहों पर भी सर्वे के लिए पहुँची। इन जगहों में 5 तीर्थ और 19 कुएँ शामिल हैं। इन कुओं में कल्कि मंदिर में मौजूद अति प्राचीन कृष्ण कूप भी शामिल है। शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ASI के इस दौरे को हर संभव गुप्त ही रखने की कोशिश की गई थी।
गौरतलब है कि संभल में दंगों का पुराना इतिहास रहा है। इन्हीं दंगों के बल पर संभल नगरपालिका क्षेत्र से धीरे-धीरे हिंदुओं को मिटाया गया। देश की स्वतंत्रता के समय संभल नगरपालिका क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी 45 प्रतिशत थी जो आज घटकर 15-20% रह गई है। उस समय मुस्लिम 55% थे। आज वे बढ़कर 80-85 प्रतिशत हो गए हैं।