बुलंदशहर जिले के खुर्जा कस्बे में एक ऐसा मंदिर मिला है, जो करीब 50 साल पुराना बताया जा रहा है और पिछले 30 वर्षों से बंद पड़ा था। इस मंदिर का निर्माण जाटव समुदाय ने किया था, जो वहाँ पूजा-अर्चना करते थे। साल 1990 के दंगों के बाद जाटव समुदाय ने इस इलाके को छोड़ दिया और मंदिर भी बंद हो गया। इस दौरान मंदिर की मूर्तियों को समुदाय के ही एक परिवार ने नदी में विसर्जित कर दिया था।
खुर्जा के एसडीएम दुर्गेश सिंह ने बताया कि मंदिर सलमा हकान मोहल्ले में स्थित है और इसका ढाँचा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इस स्थल को लेकर किसी भी समुदाय के बीच कोई विवाद नहीं है। एसडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर की मूर्तियों को नदी में विसर्जित कर दिया गया था और मामले की जाँच जारी है।
#WATCH | Bulandshahr, Uttar Pradesh | On the news of finding a many years old temple in Khurja police station area of Bulandshahr, Khurja SDM Durgesh Singh said, "There is Salma Hakan Mohalla in Khurja where there are reports about a temple. For some time now, various kinds of… pic.twitter.com/UafH5IKH2a
— ANI (@ANI) December 22, 2024
मंदिर का पता चलने के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) और जाटव विकास मंच ने प्रशासन से मंदिर का जीर्णोद्धार कराने की माँग की है। VHP के मेरठ प्रांत के पदाधिकारी सुनील सोलंकी ने बताया कि मंदिर 1990 के बाद से बंद है। उस समय इस क्षेत्र में रहने वाले हिंदू परिवार दंगों के डर से पलायन कर गए थे। उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मंदिर की सफाई और सौंदर्यीकरण कराने का अनुरोध किया, ताकि पूजा-पाठ फिर से शुरू हो सके।
जाटव विकास मंच के अध्यक्ष कैलाश भागमल गौतम ने भी मंदिर के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण जाटव समुदाय के लोगों ने किया था। यह मंदिर 50 साल पुराना है, लेकिन 1990 के दंगों के दौरान समुदाय ने पलायन कर दिया, जिससे मंदिर बंद हो गया। अब मंच और VHP के सदस्यों ने मिलकर मंदिर में धार्मिक गतिविधियाँ फिर से शुरू करने की माँग की है।
इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों और संगठनों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। उनका मानना है कि मंदिर का जीर्णोद्धार कर पूजा-अर्चना फिर से शुरू की जा सकती है। प्रशासन से इस मामले में जल्द निर्णय लेने की उम्मीद जताई जा रही है।
बता दें कि इससे पहले संभल और वाराणसी में भी सालों से बंद पड़े मंदिरों का पता चला था। संभल में 1978 से बंद पड़े एक मंदिर को हाल ही में खोला गया, जहाँ कार्बन डेटिंग की प्रक्रिया भी हो चुकी है। वहीं, वाराणसी के मदनपुरा इलाके में 250 साल पुराने एक मंदिर का पता चला है। अब बुलंदशहर के खुर्जा में मिला यह मंदिर भी चर्चा में है।