केरल में परमाणु ऊर्जा केंद्र बनाने को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और केरल के ऊर्जा मंत्री के. कृष्णकुट्टी के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। यह कदम राज्य की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने और हरित ऊर्जा लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है।
बैठक की मुख्य बातें:
- परमाणु ऊर्जा केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव:
- केरल में एक परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना और बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करना है।
- थोरियम जमा का उपयोग:
- केरल में थोरियम के प्रचुर भंडार हैं, जो भारत की परमाणु ऊर्जा नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- इस परियोजना के तहत थोरियम का उपयोग करके बिजली उत्पादन करने और उस बिजली को केरल को आपूर्ति करने का सुझाव दिया गया है।
- भूमि की आवश्यकता:
- परमाणु ऊर्जा केंद्र की स्थापना के लिए राज्य सरकार को उपयुक्त भूमि उपलब्ध करानी होगी।
- यह भूमि केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय से चुनी जाएगी।
- केरल की बिजली मांग पर चर्चा:
- बैठक में केरल की मौजूदा बिजली मांग और भविष्य की जरूरतों पर विस्तार से चर्चा की गई।
- राज्य में बिजली की खपत बढ़ने के कारण, नए ऊर्जा स्रोतों को जोड़ने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
केरल के लिए संभावित लाभ:
- ऊर्जा सुरक्षा:
- परमाणु ऊर्जा केंद्र से केरल को स्थायी और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति मिल सकती है।
- यह राज्य को बिजली की कमी से बचाने में सहायक होगा।
- हरित ऊर्जा का योगदान:
- परमाणु ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।
- यह राज्य के कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक होगा।
- आर्थिक विकास:
- परमाणु ऊर्जा केंद्र के निर्माण से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- इस परियोजना से राज्य में बुनियादी ढांचे का भी विकास होगा।
Concluded a productive 2-day visit to Kerala & Lakshadweep, focusing on key power and urban infrastructure projects. pic.twitter.com/3k5LEjMx5H
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 23, 2024
केरल में बिजली की मांग
केरल की हालिया ऊर्जा मांग 4260 मेगावाट है, लेकिन राज्य को 2030 तक इसके 10 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है. इसके लिए केरल ने केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मांगी है ताकि प्रदेश के पावर इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जा सके.
बैठक के बात केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि यदि केरल सरकार जमीन मुहैया कराती है, तो केंद्र सरकार राज्य में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए तैयार है. हालांकि, इस पर अभी फाइनल फैसला नहीं लिया गया है, क्योंकि इसमें कई एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर रिसर्च और निरीक्षण शामिल है.
अंडरग्राउंड तारों की मांग
केरल ने केंद्रीय मंत्री के सामने तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और कोझिकोड में सभी ओवरहेड बिजली केबलों को अंडरग्राउंड में बदलने की मांग रखी है. केरल अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं पर लागत का बोझ डालने से बचने के लिए इसकी जरूरत है.
इसके अलावा केरल के मंत्री कृष्णकुट्टी ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात में तलचर पावर प्लांट से प्रदेश को 180 मेगावाट की बजाय 400 मेगावाट बिजली देने की मांग रखी. केरल ने पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने और इसका खर्च सभी राज्यों से लेने की भी मांग की है.