एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े कथित आतंकवादी जतिंदर सिंह उर्फ ज्योति को पंजाब आतंकी साजिश मामले में मुंबई के मानखुर्द स्थित मेट्रो निर्माण स्थल से गिरफ्तार किया है। जतिंदर सिंह ने मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम किया था और पहले दिल्ली, लखनऊ, और मुंबई मेट्रो साइटों पर भी इसी भूमिका में नियुक्त था।
गिरफ्तारी का मामला:
एनआईए के अनुसार, जतिंदर सिंह:
- डेसिग्नेटेड खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ लांडा और गैंगस्टर बचितर सिंह उर्फ पवित्र बटाला का करीबी सहयोगी है।
- वह बलजीत सिंह उर्फ राणा भाई को हथियार मुहैया कराने में कथित रूप से शामिल था।
- सिंह इस साल जुलाई से फरार था और लंबे समय से निगरानी में था।
जॉब बैकग्राउंड:
- सिंह ने गिल एंटरप्राइजेज नामक कंपनी के जरिए मानखुर्द मेट्रो साइट पर काम किया था। यह साइट अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड द्वारा संचालित मुंबई मेट्रो लाइन-2बी (येलो लाइन) प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
- गिल एंटरप्राइजेज के मालिक अमरजीत सिंह ने बताया कि जतिंदर ने सभी आवश्यक पहचान पत्र और क्रेन ऑपरेटर का अनुभव प्रमाण पत्र प्रदान किया था।
- जतिंदर को ₹27,000 मासिक वेतन दिया जा रहा था, और वह अपने काम को लेकर गंभीर दिखता था।
जतिंदर की पिछली गतिविधियां:
- 2016 में दिल्ली मेट्रो और लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट्स में क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम किया।
- 2008 में मुंबई मेट्रो के पहले फेज (वर्सोवा-घाटकोपर लाइन) में कार्य करने का दावा किया।
एनआईए और पुलिस की जांच:
- जतिंदर के ID कार्ड्स और अनुभव पत्र की जांच की जा रही है।
- मुंबई पुलिस ने अब तक उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं पाई है।
- उसके करीबी संपर्कों और मेट्रो निर्माण स्थल पर उसके साथ काम करने वालों से पूछताछ की जा रही है।
संदिग्ध संबंध और गतिविधियां:
- जतिंदर सिंह ने अपनी पहचान छुपाकर और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में काम किया।
- एनआईए उसकी साजिश, हथियार आपूर्ति, और आतंकी नेटवर्क में उसकी भूमिका की गहराई से जांच कर रही है।
- गिल एंटरप्राइजेज के साथ अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स का कॉन्ट्रैक्ट सस्पेंड कर दिया गया है।
यह गिरफ्तारी आतंकी संगठनों द्वारा भारत के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में घुसपैठ करने के खतरनाक प्रयासों की ओर इशारा करती है। इससे जुड़ी जांच में एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियां जुटी हुई हैं ताकि आतंकवादी नेटवर्क के पूरे जाल का खुलासा किया जा सके।