प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूम कर एक थाली, एक थैला अभियान चलाया है। संघ का यह अभियान श्रद्धालुओं की सेवा के साथ ही स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी लोगों को जागरूक और प्रेरित कर रहा है।महाकुंभ में पत्ते, थर्मोकोल और प्लास्टिक के कप-प्लेट, गिलास व थालियों का बड़े पैमाने पर उपयोग रोकने के लिए यह अभियान चलाया गया है।
- घर-घर जाकर लोगों से अपील करके उनसे सहयोग स्वरूप नई थालियां, प्लेटें, गिलास व थैले जमा किए गए हैं।
- सेवा, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की भावना इन चमचमाती थालियों की चमक को कई गुना बढ़ा रही हैं।
- अब तक 12 लाख थालियां और थैलों के साथ 2.5 लाख छोटे गिलास का संग्रह किया जा चुका है।
- अभियान में लगे स्वयंसेवक हर घर से एक या उससे अधिक स्टील की नई थाली, प्लेट तथा सूती कपड़े व जूट के थैलों का संग्रह कर रहे हैं।
- भंडारा व लंगर में इनकी विशेष उपयोगिता दिखेगी।
- इन्हें धोकर बार-बार इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि प्लास्टिक व थर्मोकोल की प्लेटों का एक ही बार उपयोग होने के कारण बार-बार कचरा फैलता जाता है।
कई प्रांतों में हुआ है बेहतर कार्य
अभियान की सफलता और लोगों का उत्साह ऐसा रहा कि राजस्थान के कई जिलों में तो स्टील की थाली दुकानों में समाप्त हो गई। राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों ने बढ़-चढ़कर इस अभियान में भाग लिया।
देश के सभी प्रांतों में संग्रह की गई थालियां व थैला निशुल्क अग्रवाल ट्रांसपोर्ट एजेंसी के माध्यम से प्रयागराज पहुंचने लगी है। रविवार तक 3.5 लाख थालियां, थैला और गिलास महाकुंभ स्थल पर पहुंच गया है।इस अभियान में आरएसएस के पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के साथ-साथ गो सेवा गतिविधि, ग्राम विकास एवं कई समवैचारिक संगठन लगे हैं।
कई सामाजिक संगठन भी सहयोग कर रहे हैं। जो लोग स्वयं से थाली और थैला नहीं खरीद पाए उनसे 150 रुपये लेकर अभियान में लगे लोगों द्वारा खरीदारी की गई।
थालियों का वितरण अखाड़ों में किया जाएगा
संग्रह की गई सभी थालियों को महाकुंभ में उन अखाड़ों के बीच वितरित किया जाएगा, जहां प्रत्येक दिन सैकड़ों लोग भोजन करते हैं।
इन थालियों के कारण जब लोग डिस्पोजल पर भोजन नहीं करेंगे तो वहां कचरे का जमावड़ा नहीं होगा। पिछले कुंभ में अखाड़ों से कचरे के रूप में 8000 टन प्लास्टिक और 40,000 टन डिस्पोजल निकला था।
कई अखाड़ों ने शुरू की थालियों की मांग
स्वयंसेवक संघ महाकुंभ में आने वाले लोगों से प्लास्टिक नहीं लेकर आने का आग्रह कर रहा है। इसके साथ ही जो लोग वहां पहुंचेंगे, उनके बीच थैला का वितरण स्वयंसेवक करेंगे।
इसके लिए संघ कार्य की दृष्टि से तय सभी 11 क्षेत्रों से अलग-अलग समय पर स्वयंसेवकों को महाकुंभ में पहुंचने का आग्रह किया गया है। इसके लिए सभी क्षेत्रों की तिथि तय कर दी गई है।
प्लास्टिक मुक्त बनेगा महाकुंभ
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ को हरित कुंभ (प्लास्टिक मुक्त) बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ‘एक थाली-एक थैला’ प्रारंभ किया है। घर-घर से सहयोग लेकर पवित्र नगरी प्रयागराज को स्वच्छ और कचरा मुक्त रखा जाएगा। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ क्षेत्र के सभी प्रांतों में यह अभियान तेज गति पकड़ चुका है। इतना ही नहीं, कई प्रांतों से सामग्री एकत्र कर प्रयागराज के लिए रवाना भी किया जा चुका है।
डिस्पोजल बर्तनों का उपयोग होगा कम
संघ पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत प्लास्टिक मुक्त समाज का अभियान चला रहा है। इसी के तहत संघ का प्रयास है कि प्रयागराज महाकुंभ में भी प्लास्टिक का कम से कम उपयोग हो। वहां आने वाले भक्त भोजन-प्रसादी या पानी पीने के लिए पारंपरिक रीति अपनाएं और प्लास्टिक का उपयोग ना करें। एक थाली एक थैला अभियान चलाने के पीछे संघ की सोच है कि श्रद्धालुओं को डिस्पोजल बर्तनों में भोजन ना करना पड़े।