शेयर बाजार में हफ्ते की शुरुआत कमजोर नोट पर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। मुख्य रूप से ग्लोबल बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की सक्रियता में कमी इसके पीछे के प्रमुख कारक हैं।
बाजार के मौजूदा हालात:
- सेंसेक्स और निफ्टी की स्थिति:
- सेंसेक्स: 80.07 अंकों की गिरावट के साथ 78,619.00 पर खुला।
- निफ्टी: 28.40 अंकों की गिरावट के साथ 23,785.00 पर ट्रेड कर रहा है।
- गिरावट के कारण:
- अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को बड़ी गिरावट।
- विदेशी निवेशकों का कम पार्टिसिपेशन (साल खत्म होने की वजह से)।
- ग्लोबल बाजारों में कमजोरी का असर।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस:
- तेजी वाले शेयर:
- एयरटेल, आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, और आदाणी पोर्ट्स।
- इन शेयरों में मजबूती दर्शाती है कि इनसे संबंधित सेक्टर्स में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
- गिरावट वाले शेयर:
- रिलायंस, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, और टीसीएस।
- आईटी और ऑटो सेक्टर की कमजोरी बाजार में नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में मजबूती देखने को मिली थी, लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत कमजोरी के साथ हो रही है। यहां पिछले हफ्ते और मौजूदा स्थिति का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत है:
पिछले हफ्ते का प्रदर्शन:
- सप्ताहिक बढ़त:
- सेंसेक्स: 657.48 अंक (0.84%) की बढ़त के साथ बंद।
- निफ्टी: 225.9 अंक (0.95%) की तेजी दर्ज की।
- शुक्रवार का प्रदर्शन:
- सेंसेक्स: 226.59 अंक (0.29%) की बढ़त के साथ 78,699.07 पर बंद।
- निफ्टी: 63.20 अंक (0.27%) की बढ़त के साथ 23,813.40 पर बंद।
- तेजी वाले शेयर:
- अदाणी पोर्ट्स, जोमैटो, अल्ट्राटेक सीमेंट, और आईटीसी।
- इन शेयरों में निवेशकों का उत्साह बना रहा।
- गिरावट वाले शेयर:
- इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाइटन, पावर ग्रिड, और टेक महिंद्रा।
- विदेशी निवेशकों का व्यवहार:
- एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) शुक्रवार को शुद्ध बिकवाल रहे, जिससे 1,323.29 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए।
मौजूदा हफ्ते की शुरुआत:
- ग्लोबल फैक्टर का असर:
- अमेरिकी बाजार में कमजोरी और एशियाई बाजारों (हांगकांग, शंघाई कम्पोजिट, निक्की) में गिरावट के कारण भारतीय बाजार पर भी दबाव है।
- केवल दक्षिण कोरिया का कोस्पी फायदे में रहा।
- तेजी और मंदी वाले शेयर:
- तेजी वाले शेयर: अल्ट्राटेक सीमेंट, आईटीसी, एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स।
- गिरावट वाले शेयर: रिलायंस, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, टीसीएस।
- कच्चे तेल के दाम:
- ब्रेंट क्रूड 0.07% बढ़कर 74.22 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई और कुछ सेक्टर्स के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती हैं।
आगे की उम्मीदें:
- विदेशी निवेशकों का रोल: साल के अंत में एफआईआई की सक्रियता कम रहती है, जिससे बाजार सीमित दायरे में रह सकता है।
- ग्लोबल संकेत: अमेरिकी और एशियाई बाजारों का रुख भारतीय बाजार के लिए निर्णायक होगा।
- सेक्टोरल परफॉर्मेंस: बैंकिंग, एफएमसीजी, और इंफ्रा सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर हो सकता है।
- दीर्घकालिक निवेश: निवेशकों को वॉलाटिलिटी से बचने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।