18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन 8 से 10 जनवरी तक ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हो रहा है। यह कार्यक्रम भारतीय प्रवासी समुदाय को भारत के साथ जोड़ने और उनके योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। इस बार का विषय “विकसित भारत में प्रवासी योगदान” रखा गया है। सम्मेलन में करीब 5,000 प्रतिनिधि 150 देशों से शामिल होंगे, जो इसे और भी विशेष बनाता है।
प्रमुख कार्यक्रम:
8 जनवरी 2025: युवा प्रवासी भारतीय दिवस
- उद्घाटन: विदेश मंत्री, युवा मामलों और खेल मंत्री तथा ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा।
- उद्देश्य: प्रवासी युवाओं की नेतृत्व क्षमता और उनकी प्रेरक कहानियों को मंच प्रदान करना।
9 जनवरी 2025: मुख्य सम्मेलन
- उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
- मुख्य अतिथि: त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगलू वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगी।
- पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे: प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस, एक स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन जो धार्मिक और पर्यटक स्थलों की यात्रा कराएगी।
10 जनवरी 2025: समापन समारोह
- अध्यक्षता: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।
- प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2025: प्रवासी भारतीयों को उनके असाधारण योगदान के लिए दिया जाएगा।
मुख्य आकर्षण:
- प्रदर्शनियां:
- विश्वरूप राम: रामायण की वैश्विक धरोहर पर आधारित।
- तकनीक और विकसित भारत में प्रवासी योगदान: भारतीय प्रवासियों के तकनीकी योगदान पर केंद्रित।
- मंडवी से मस्कट तक: भारतीय प्रवासियों के ओमान तक प्रवास की दुर्लभ कहानियां।
- ओडिशा की धरोहर और संस्कृति: राज्य की कला और शिल्प का प्रदर्शन।
- स्पेशल सत्र: 5 विषय आधारित सत्र:
- प्रवासी युवा नेतृत्व।
- प्रवासी कौशल की प्रेरणादायक कहानियां।
- प्रवासी महिलाओं के नेतृत्व और प्रभाव।
- संस्कृति और पहचान की कहानियां।
- सतत विकास में प्रवासी योगदान।
- सांस्कृतिक पहल: राज्य सरकार ने भुवनेश्वर के नागरिकों से अपने घरों को दिवाली की तरह सजाने की अपील की है।
उद्देश्य:
- प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ गहरे संबंध स्थापित करना।
- उनके योगदान को सम्मानित करना।
- भारत की सांस्कृतिक, तकनीकी और आर्थिक प्रगति में प्रवासी भारतीयों की भूमिका को उजागर करना।
यह सम्मेलन, भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच एक सशक्त कड़ी का निर्माण करते हुए वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को मजबूत करने का माध्यम बनेगा।