ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इस साल आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में देश-विदेश से आए भारतीयों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने किया। इस आयोजन का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के भारत के विकास और उनकी मातृभूमि के साथ जुड़ाव को रेखांकित करना है।
उद्घाटन समारोह के मुख्य बिंदु:
1. विदेश मंत्री का संबोधन:
डॉ. एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों के योगदान को भारत की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताकत के रूप में मान्यता दी। उन्होंने कहा:
- “प्रवासी भारतीय हमारी ताकत हैं।”
- प्रवासियों ने भारत के मूल्यों और संस्कृति को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उन्होंने भारत की अमृत काल में प्रवेश को देश के विकास की नई शुरुआत बताया।
2. युवाओं की भूमिका पर जोर:
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की युवा पीढ़ी देश के भविष्य का नेतृत्व करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणादायक सोच का जिक्र करते हुए कहा कि यह दृष्टिकोण देश को “चालू स्थिति से ‘कैसे नहीं?’ की भावना” की ओर ले गया है।
3. ओडिशा की समृद्ध विरासत का महत्व:
उन्होंने ओडिशा को प्रवासी भारतीयों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया। राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास मॉडल को आयोजन का विशेष आकर्षण बताया गया।
सुरक्षा और व्यवस्था:
- जनता मैदान और आसपास के क्षेत्रों में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
- सुरक्षा बल और एजेंसियां हर संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
- प्रवेश बिंदुओं पर सघन चेकिंग की जा रही है और सुरक्षाकर्मियों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है।
प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व:
प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर साल प्रवासी भारतीयों के योगदान को मान्यता देने और उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।
यह भव्य आयोजन ओडिशा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान देने और प्रवासी भारतीयों को अपनी मातृभूमि से जोड़ने की दिशा में एक और कदम है। इस आयोजन के जरिए भारत सरकार ने “विकसित भारत” के अपने लक्ष्य को वैश्विक मंच पर मजबूत करने का प्रयास किया है।